हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

महेंद्रगढ़ः सब्जी मंडी में कोरोना गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां, ना मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग

हमारी टीम ने सोमवार सुबह जब नांगल चौधरी सब्जी मंडी का जायजा लिया तो वहां के हालात आम दिनों के समान ही नजर आए. लोग ना तो मॉस्क लगाए नजर आए ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को तैयार थे. सेनेटाइजर की यहां बात करना तो बेमानी है.

Mahendragarh
Mahendragarh

By

Published : May 3, 2021, 5:30 PM IST

महेंद्रगढ़: कोरोना की जंग जीतना है, तो सामूहिक प्रयास करना होंगे और एकजुटता के साथ नियमों का पालन करना होगा. नांगल चौधरी में आज सुबह सब्जी मंडी से जो नजारे देखें गए उससे तो साफ लगा कि लोगों को ना तो कोरोना का भय है ना ही सरकार के आदेशों का.

यहां लोग खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे थे और मॉस्क तो नाममात्र का लगाया हुआ था. यह अलग बात है कि मीडिया को देखने उपरांत कुछ ने मास्क लगाया तो किसी ने गमछा से मुंह ढंक लिया. एक बाइक सवार ने फोटो खींचते देखा तो कुछ नहीं मिला तो उसने अपने हाथ से नाक दबाकर उसे ही मॉस्क बताने का प्रयास किया.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में बिना गेट पास रात में आ रहा यूपी का गेहूं, मुनाफा काट रहे आढ़ती

यह बात साफ हो चुकी है कि दिल्ली-एनसीआर जैसे हालात अब दक्षिण हरियाणा के छोटे कस्बे, शहर व गांव में निर्मित होने लगे हैं. सरकारी आंकड़े भी इसी बात की पुष्टि कर रहे हैं. हालात बिगड़ते देखकर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया लेकिन लोग फिर भी नियमों की पालना करने को तैयार नहीं हैं.

हमारी टीम ने सोमवार सुबह जब नांगल चौधरी सब्जी मंडी का जायजा लिया तो वहां के हालात आम दिनों के समान ही नजर आए. लोग ना तो मॉस्क लगाए नजर आए ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को तैयार थे. सेनेटाइजर की यहां बात करना तो बेमानी है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में पूर्ण लॉकडाउन के बीच रोकी गई गेहूं की खरीद, जानें कबतक बंद रहेंगी मंडियां

मीडिया को देखकर जरूर कुछ लोगों ने मॉस्क लगाए तो कुछ ने खानापूर्ति की. लोग यह समझने को तैयार नहीं कि गाइड लाइन का पालन नहीं किया तो उन्हें एवं उनके परिवार को भी दिक्कत हो सकती है. जबकि प्रशासन लगातार गाइड लाइन पालन का संदेश दे रहा है.

हालांकि मंडी के हालत देखने उपरांत यह तो साफ हो गया कि मंडी समिति एवं उनके अधिकारी भी इसको लेकर गंभीर नहीं है. यदि यह व्यापारी, लोग व किसानों को समझाईश दें तो कुछ तो हालात बदलेंगे ही.

ABOUT THE AUTHOR

...view details