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महेंद्रगढ़ की छोरी ने जीता गोल्ड मेडल, गांव लौटने पर हुआ जोरदार स्वागत

महेंद्रगढ़ की मीना गुर्जर ने 33वीं नॉर्थ जोन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है. पदक जीत कर अपने गांव नायन लौटी मीना का जोरदार स्वागत किया गया.

Mahendragarh girl won gold
मीना गुर्जर ने जीता बाधा दौड़ में गोल्ड मेडल

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Published : Sep 4, 2022, 10:59 PM IST

महेंद्रगढ़ः हरियाणा के करनाल में आयोजित तीन दिवसीय 33वीं नॉर्थ जोन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप (North Zone Junior Athletics Championship) प्रतियोगिता का समापन हो गया है. गांव नायन की मीना ने प्रतियोगिता की बाधा दौड़ प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मैडल (Mahendragarh girl won gold) जीता है. गोल्ड मेडल जीतने के बाद गांव पहुंची मीना का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया है. 3 दिन चली इस प्रतियोगिता में हरियाणा के 207 खिलाड़ियों ने भाग लिया था. जिसमें 110 लड़के और 97 लड़कियां थीं.

महेंद्रगढ़ जिले के नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र (Nangal Choudhary Assembly Constituency) के गांव नायन की मीना गुर्जर ने नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है. गांव में कोई खेल ग्राउंड नहीं है फिर भी मीना ने हार नहीं मानी. खेल की तैयारी के लिए हिसार में प्रैक्टिस की और स्टेट लेवल पर मेडल जीता. गांव में खेल ग्राउंड न होने के कारण अपने दादा के साथ सुबह 4 बजे उठ कर वो अभ्यास करती थी. गरीब परिवार में जन्मी मीना ने साबित करके दिखाया है कि अगर इरादे मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल आड़े नहीं आती है.

ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा सरकार की खेल नीति (Sports Policy of Haryana Government) की काफी प्रशंसा करते हैं. लेकिन महेंद्रगढ़ जिले में खिलाड़ियों को खेल सुविधायें नहीं मिल रही हैं. महेंद्रगढ़ की मीना गुर्जर (Meena Gurjar Mahendragarh) ने कहा कि हरियाणा सरकार ने उसको अभी तक किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है.

ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय विधायक को भी खेले स्टेडियम बनाने के लिये कई बार कह चुके हैं, लेकिन अभी तक खेल स्टेडियम का निर्माण शुरु नहीं हुआ है. अगर सरकार खेल सुविधायें दी जाये तो जिले में भी अच्छे खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं. बहरहाल सुविधायों के अभाव में खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. अगर इन खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधायें मिले तो ये अंतरर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश के लिये स्वर्ण पदक जीत सकते हैं.

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