महेंद्रगढ़: नारनौल में पिछले कई महीनों से आवारा सांड और गौवंश जमकर कहर बरपा रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद नहीं खुल रही है. रविवार शाम को दो सांडों की लडाई की चपेट में आने से चार महिलाएं और दो बच्चे घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए नारनौल के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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बता दें कि पिछले कुछ महीनों से नारनौल में आवारा सांड और गौवंश आम लोगों पर मौत के साये की तरह मंडरा रहे हैं. मुख्य सडकों के अलावा भीड़भाड़ और बाजारों में आए दिन लड़ने वाले ये सांड आम लोगों के साथ-साथ दुकानदारों के लिए जानमाल के दुश्मन बन चुके हैं. ऐसा नहीं है कि इन मामलों से जिला प्रशासन और नगर परिषद अनजान है.
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सब कुछ प्रशासन और नप की नाक के नीचे होते हुए भी प्रशासन मूक दर्शक बनकर लोगों की मौत का मंजर देखने को बेताब है. इससे पहले भी आवारा सांडों की लडाई में नारनौल में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, इसके बाद भी जिले में किसी अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
सलामपुरा में आवारा सांडों की चपेट में घायल महिलाओं के बाद से लोगों में भारी रोष व्याप्त है. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की चापलूसी करने वाले शहर के गणमान्य और नेताओं को आम जन से जुड़ी इस समस्या की तरफ ध्यान क्यों नहीं जाता है.
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ये लोग जिला प्रशासन के समक्ष इस तरह की आमजन की जिंदगी से जुड़ी समस्याओं को क्यों नहीं उठाते हैं. वहीं इस मामले को लेकर नगर परिषद ईओ केके यादव से बात की गई तो उन्होंने आश्वाशन देते हुए जल्द से जल्द समस्या के समाधान की बात कही है.