महेंद्रगढ़: अखिल भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान लघु सचिवालय परिसर में पिछले 21 दिनों से धरना दे रहे हैं. वहीं धरना स्थल पर पहुंचे स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने किसानों से मुलाकत की. योगेंद्र यादव ने दादरी के ढाणी फोगाट गांव में धरने के दौरान किसान राम अवतार की मौत पर 2 मिनट का मौन रखा.
डॉ. योगेंद्र यादव ने कहा कि इस सरकार ने किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव हड़पकर किसानों को उजाड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि देश में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में ही लागू कर दिया गया. जिसके तहत किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने का प्रावधान है. लेकिन सरकार अपनी मनमर्जी के रेट निर्धारित करके भूमि हड़प रही है. सरकार के इस तरह के रवैये को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि किसान की जमीन के मार्केट रेट बहुत ऊंचे हैं. लेकिन सरकार औने-पौने दामों पर जमीन छीन रही है. डॉ. योगेंद्र यादव ने किसानों के आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि किसानों की जायज मांगों को तुरंत प्रभाव से पूरा किया जाए. अन्यथा इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ेगा.
आखिर क्यों धरना दे रहे हैं किसान?
दरअसल नारनौल से इस्लाईमाबाद (कुरुक्षेत्र) तक ग्रीन कॉरिडोर आठ जिलों से गुजरेगा. महेंद्रगढ़ को छोड़कर अन्य सात जिलों की अवॉर्ड राशि केंद्र सरकार ने बढ़ा दी. अन्य जिलों में किसानों की अवॉर्ड राशि कम से कम 20 लाख रुपये बढ़ाई है. महेंद्रगढ़ के किसानों के साथ इस मामले में भेदभाव हुआ है. जब सात जिलों के किसानों की अवॉर्ड राशि रिवाइज हो सकती है तो महेंद्रगढ़ के किसानों की क्यों नहीं हो सकती. किसानों मुआवजा राशि ना बढ़ने तक धरना देने का फैसला लिया है.