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कई मंडी में अधिक नमी के कारण नहीं खरीदी गई सरसों - EtvBharat

नारनौल अनाज मंडी में पहले दिन 35 किसानों की करीब 500 क्विंटल सरसों खरीदी गई, लेकिन सरसों में अधिक नमी होने के कारण किसान सरसों को नहीं बेच सके हैं.

ओमप्रकाश, चेयरमैन, नारनौल कोऑपरेटिव सोसायटी

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Published : Mar 29, 2019, 7:29 PM IST

महेंद्रगढ़: जिले में शुक्रवार से पांच मंडियों में सरसों की खरीद के आरम्भ करने का प्रशासन ने दावा किया था, लेकिन पहले ही दिन नारनौल मंडी को छोड़कर किसी भी मंडी में सरसों नहीं खरीदी गई.नारनौल अनाज मंडी में पहले दिन 35 किसानों की करीब 500 क्विंटल सरसों खरीदी गई.

महेंद्रगढ़ और नांगल चौधरी में सरसों में नमी की मात्रा अधिक होने का हवाला देकर किसानों को दोबारा आने के लिए कहा गया. वहीं कनीना अनाज मंडी में टोकन नहीं देने पर किसान सरसों नहीं बेच पाएं. अटेली की अनाज मंडी में गांवों की सूचि ई-पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होने के कारण सरसों की खरीद नहीं हो पाई.

अतिरिक्त निदेशक ने किया मंडी का निरक्षण

अतिरिक्त निदेशक हिपा के एमडी सिन्हा ने जिला की अनाज मंडियों का दौरा कर सरसों की बिक्री व्यवस्था का जायजा लिया. इस अवसर पर उन्होंने किसानों, व्यापारियों के लिए मार्केट कमेटी की ओर से की गई व्यवस्था की जानकारी ली साथ ही आढे आ रही समस्यां को दूर करने का भरोसा दिलाया.

ओमप्रकाश, चेयरमैन, नारनौल कोऑपरेटिव सोसायटी

नारनौल की अनाज मंडी निरीक्षण के दौरान मार्केट कमेटी के अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने किसानों के लिए पेयजल, सफाई, समय पर सरसों खरीदने व अन्य समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी पूरी प्रक्रिया में चार से पांच घंटे से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए.

किसानों को सरसों की नमी की जांच की दी सलाह

उन्होंने किसानों को समझाते हुए कहा कि वे अपनी सरसों को मंडी में लाने से एक दिन पूर्व फसल की नमी की जांच करवा लें. नमी की अधिकता के कारण किसानों को अपनी फसल को लाने व ले जाने की परेशानी से निजात दिलाने के लिए एक दिन पूर्व जांच करवाना किसानों के हित में होगा.

एमडी सिन्हा ने कहा कि मंडियों में सभी मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए. उन्होंने पेयजल, शौचालय, लाइट व शैड के प्रबंध तथा किसानों के आवागमन के लिए रास्ता व पार्किंग व्यवस्था की जानकारी ली. सिन्हा ने मार्किट कमेटी के चेयरमैन जेपी सैनी व संबंधित अधिकारियों से कहा कि फसल मंडियों में आने के बाद किसानों को अत्यधिक इंतजार करने की दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

इसके अतिरिक्त जिन गांवों की फसल लेनी हो, उन गांवों की सूचि तथा आढ़तियों की सूचि अंकित करके मण्डी के मुख्य गेट पर चस्पा करनी चाहिए. फसल उठान कार्य भी योजनाबद्ध तरीके से होना चाहिए.
उन्होंने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि रजिस्टर्ड किसानों की फसल अवश्य ली जाएगी. फसल केवल निर्धारित मापदंड व शेडयूल के अनुसार ही खरीदी जाएगी. किसानों का भी दायित्व बनता है कि वे निर्धारित शर्तों पर ही अपनी फसल लाएं.

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