हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

हरियाणा के इंजीनियर ने नौकरी छोड़ शुरू की मोती की खेती, अब कमा रहे हैं लाखों रुपये - कैसे की जाती है मोती की खेती

एक वीडियो ने राजेश और सुरेंद्र की जिंदगी बदलकर रख दी. पहले तो चंद हजार रुपये में एक फैक्ट्री में काम किया करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने एक वीडियो से प्रेरणा ली और खुद की मोतियों की खेती शुरू की. पढ़िए पूरी खबर

two farmers of haryana kurukshetra doing pearl farming
pearl farming

By

Published : Jan 10, 2020, 1:33 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 1:45 PM IST

कुरुक्षेत्र: कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...! कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कुरुक्षेत्र के छोटे से गांव बुहावी के रहने वाले सुरेंद्र और राजेश ने. जो कभी फैक्ट्री में नौकरी कर अपने घर परिवार का मुश्किल से पेट भरा करते थे, लेकिन आज महीने में लाखों कमा रहे हैं.

नौकरी छोड़ शुरू की सीप की खेती
सुरेंद्र और राजेश दोनों इंजीनियर थे, लेकिन एक वीडियो ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी. वीडियो देखकर दोनों इतना प्रेरित हुए कि दोनों ने अपना काम शुरू करने के बारे में सोचा. आज दोनों एक घर में मोती की खेती कर रहे हैं और दोनों लाखों रुपये सालाना कमा रहे हैं.

वीडियो देखकर आया मोती की खेती का आइडिया
मोती की खेती करने वाले राजेश ने बताया कि उन्होंने मोती की खेती करना करीब 2 साल पहले शुरू किया था. पहले वो एक फैक्ट्री में बतौर इंजीनियर के तौर पर काम करते थे. जहां उनकी तनख्वाह सिर्फ 13000 रुपये प्रति माह थी. एक दिन सोशल मीडिया पर उन्होंने मोतियों की खेती से जुड़ी एक वीडियो देखी. जिसके बाद उन्होंने भी मोती की खेती करने की ठान ली.

हरियाणा के इंजीनियर ने नौकरी छोड़ शुरू की मोती की खेती

घर में ही करते हैं मोती की खेती
राजेश ने बताया कि वो भुवनेश्वर गए जहां उन्होंने खेती करने के लिए प्रशिक्षण लिया और कुछ जानकारी इंटरनेट से जुटाई. बाद में उन्होंने अपने साथी के साथ मिलकर घर में ही मोती की खेती शुरू की. उन्होंने घर में 20 गुना 10 फीट एरिया में 1000 सीप के साथ मोती की खेती करना शुरू किया.

1 साल में तैयार होते हैं मोती
राजेश ने बताया कि ये खेती शुरू करने के लिए पानी के टैंक की जरूरत पड़ती है जो कि उन्होंने अपने घर में ही बनवा लिया और कोलकाता से सिर्फ 10 से 15 रुपये के हिसाब से सीप खरीद कर लाए. लगभग 12 महीने की खेती के बाद 1000 सीप से दोनों पार्टनरों को लगभग चार- चार लाख का मुनाफा हुआ. अब दोनों ने घर में टैंक की संख्याओं को बढ़ा दिया है. अब ये दोनों 12000 सीप की खेती कर रहे हैं.

शुरुआत में आया 1 लाख का खर्च
राजेश ने बताया 1000 सीप का सेटअप खड़ा करने में लगभग 1 लाख तक का खर्च आ जाता है. सीप की खेती करने दौरान सबसे अहम काम होता है सीप की सर्जरी करना. इसके लिए ही विशेष प्रशिक्षण लेना पड़ता है. सीप के अंदर दो मोती पैदा हो सकते हैं. जैसी आकृति उसके अंदर रखी जाती है वैसा ही मोती पैदा हो जाता है. वो भगवान गणेश, शिव, नेम पैटर्न आदि के मोती भी पैदा करते हैं.

'सबसे मुश्किल काम सीप की सर्जरी करना'
राजेश ने बताया कि सीप की सर्जरी उस वक्त की जाती है जब वो मुंह खुलती है और उसके अंदर एक सांचा डाल दिया जाता है. जिससे मोती उस सांचे के आकार का निकलता है. सर्जरी के बाद इन सीप को एंटीबायोटिक घोल में रखा जाता है, ताकि इनकी मृत्यु न हो और 15 से 20 दिन बाद सीप को निकाल कर पानी में डाल दिया जाता है. पानी में टीडीएस की मात्रा 400 से 500 के बीच होनी चाहिए. लगभग 3 से 4 महीने के बाद टैंक का पानी बदल दिया जाता है और 12 से 13 महीने के बाद इसमें मोती तैयार हो जाता है.

ये भी पढ़िए:खेत में नहीं चल पा रहा था कोई कृषि यंत्र, किसान ने खुद बैल बन जोत डाला खेत

राजेश ने बताया कि बाजार में एक मोती की कीमत लगभग 400 से लेकर 15 सौ रुपये तक है. मोती का मार्केट सूरत, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में है. इसकी खेती सर्दियों में शुरू की जाती है और अगली सर्दियां आने तक मोती तैयार हो जाता है.

Last Updated : Jan 10, 2020, 1:45 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details