कुरुक्षेत्रः कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय रत्नावली महोत्सव का समापन हुआ. रत्नावली महोत्सव के आखरी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति कैलाश चंद्र शर्मा ने इस कार्यक्रम का समापन किया. इस महोत्सव में हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे लगभग 2000 कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
जंगम जोगी जैसी प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ रत्नावली महोत्सव
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित रत्नावली महोत्सव के आखिरी दिन जंगम जोगी, बीन बांसुरी, जोगी धुन, गतका जैसी प्रस्तुतियां दी गईं. कलाकारों ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी छात्र छात्राओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया.
रत्नावली के इस चार दिवसीय महोत्सव के आखिरी दिन सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर हरियाणा की संस्कृति को संरक्षित करने का एक काम किया. साथ ही देश का युवा जिस तरह अपनी संस्कृति को लगातार भूलता जा रहा था, ऐसे में इस तरह के महोत्सव युवाओं के अंदर पुरानी संस्कृति को जागृत करने का कार्य करता है.
रत्नावली महोत्सव के आखिरी दिन जंगम जोगी, बीन बांसुरी, जोगी धुन, गतका जैसी प्रस्तुतियां दी गईं. इन कलाकारों ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी छात्र छात्राओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया. जंगम जोगी द्वारा सुनाए गए शिव विवाह की प्रस्तुति में तमाम देवी देवता किस तरह शिव विवाह में पहुंचे थे इस का गुणगान किया.