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किसानों के फंडिंग पर अकाली दल ने कहा- बीजेपी को मिलता से विदेश से सबसे ज्यादा पैसा - प्रेम सिंह चंदूमाजरा किसान आंदोलन बयान

प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. किसानों के फंडिंग पर उन्होंने कहा कि बीजेपी को अन्य पार्टियों के मुकाबले सबसे ज्यादा विदेशी फंड मिलता है.

Prem Singh Chandumajra target center government over agriculture laws
Prem Singh Chandumajra target center government over agriculture laws

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Published : Jan 22, 2021, 2:23 PM IST

कुरुक्षेत्र: शिरोमणि अकाली दल के पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को अन्य पार्टियों के मुकाबले सबसे ज्यादा विदेशी फंड मिलता है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा फंडिंग मामले में एनआईए को किसानों को पूछताछ करने के लिए बुलाए गए सवालों के जवाब में ये बयान दिया था.
इससे पहले प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को किसानों पर जबरदस्ती थोप कर देश और समाज विरोधी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि जिन कानूनों के बारे में देश का सर्वोच्च न्यायालय रोक लगा चुका है सरकार को भी उन पर रोक लगाकर उन्हें निरस्त कर देना चाहिए. उन्होंने अपने बातचीत में 70 से अधिक किसानों की मौत पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी.

किसानों के फंडिंग पर अकाली दल ने कहा- बीजेपी को मिलता से विदेश से सबसे ज्यादा पैसा

उन्होंने कहा कि सरकार को संवेदनहीन नहीं होना चाहिए. इस समस्या का समाधान भी सरकार ही करेगी और इसका समाधान इन तीनों काले कानूनों को रद्द करने से ही होगा. चंदूमाजरा ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता देश समाज और किसानों की भावनाओं पर भारी पड़ रही है. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील की.

ये भी पढ़ें- संयुक्त मोर्चा कृषि मंत्री के प्रस्ताव से असहमत, कांग्रेस बोली- किसानों ने ठुकराया 'सरकारी लॉलीपॉप'

गौरतलब है कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. वे नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कारपोरेट घरानों की 'कृपा' पर रहना पड़ेगा. हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है.

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