कुरुक्षेत्र :WFI के चुनाव के बाद साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने और बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने के बाद हरियाणा में सियासत गर्मा गई है. विपक्षी पार्टियां जहां पूरे मामले को लेकर बीजेपी को घेर रही है तो वहीं अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है पहलवानों को लेकर राजनीति हो रही है जबकि पहलवानों को अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए.
मुख्यमंत्री का बड़ा बयान :कुरुक्षेत्र में चल रहे इंटरनेशनल गीता महोत्सव में पहुंचे सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पहलवानों पर बोलते हुए कहा है कि जब गांव में चुनाव होता है और एक शख्स चुनाव जीतता है, तो सभी गांववाले उसे अपना नेता मान लेते हैं. ऐसे ही कुश्ती संघ का भी चुनाव हुआ और अब पहलवानों को संजय सिंह को अपना नया अध्यक्ष मान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब पहलवानों को लेकर राजनीति हो रही है जबकि पहलवानों को अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए ना की राजनीति का शिकार होना चाहिए.
पहलवानों के समर्थन में उतरी खापें :वहीं जींद में खापें पहलवानों के समर्थन में उतर आई है. जिले की सभी 24 खापों के सांझा सर्वखाप अध्यक्ष मंडल ने पहलवानों को समर्थन देते हुए बृजभूषण के करीबी संजय के भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर सख्त ऐतराज जताया है. साथ ही कहा कि सरकार ने बृजभूषण समर्थक को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाकर धोखा किया है. वहीं उन्होंने आगे कहा कि वे साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से अपने फैसले को वापस लेने की गुजारिश करेंगे.
मेडल वापस ना करें :वहीं करनाल पहुंचे जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कुश्ती खिलाड़ियों से उन्होंने हाथ जोड़कर अपील की है कि वे अपने मेडल और पदक इस तरीके से वापस ना करें. बाकी खिलाड़ियों पर इसका क्या असर पड़ेगा. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि वे खिलाड़ियों की बात को मजबूती से रखेंगे. कुश्ती फेडरेशन का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से हुआ है. इसमें हार जीत होती रहती है, पर इस तरीके से मेडल वापस नहीं करने चाहिए.