कुरुक्षेत्र:उत्तर भारत के तीर्थ स्थलों में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले का बहुत ही अहम स्थान है. उत्तर भारत के सभी लोग हरियाणा के इस धार्मिक स्थल पर अकाल मृत्यु मरने वाले पितरों के पिंडदान के लिए आते हैं. कुरुक्षेत्र के मुख्य धार्मिक स्थल ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर पर मरने वालों के पिंडदान में अनुष्ठान किए जाते हैं, लेकिन ये पिंडदान और आकस्मिक मरने वालों को स्थान देने की रिवाज सरोवरों के लिए खतरा बनती जा रही है.
सन्निहित सरोवर, ब्रह्मसरोवर से भी प्राचीन सरोवर माना जाता है. लोगों की आस्था की वजह से यहां पर अकाल मृत्यु मरने वालों के जगह-जगह थान बन गए हैं. इन थानों से लोगों की आस्था जुड़ी है, लेकिन लोग इन आस्था के प्रतीकों को अपने घर पर भी स्थापित कर पूजा अर्चना कर सकते हैं.
कुरुक्षेत्र के प्राचीन सरोवर पर बने पार्क ले चुके हैं कब्रिस्तान का रूप सरोवर पर बने पार्कों में बैठने के लिए जगह नहीं बची है. एक बार को तो आप देखकर हैरान हो जाएंगे कि ये सरोवर की सुंदरता के लिए बनाए गए पार्क हैं या कब्रिस्तान. आपको दूर-दूर तक सिर्फ थान ही नजर आएंगे. जो पुराने पार्क थे, वो खत्म हो गए हैं. सभी पार्कों में लोगों ने थान बना दिए हैं. जहां जाकर वो अपने पितरों की पूजा करते हैं.
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इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जिला उपायुक्त से भी बात की. उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से लेकर जल्द ही संज्ञान लेने का आश्वासन दिया है. फिलहाल लोगों की ये जिम्मेदारी बनती है कि अपने सामाजिक धरोहरों की वो खुद रक्षा करें.