कुरुक्षेत्र: आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और भांग-धतूरा चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज के दिन भोले बाबा पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था और सावन और फागुन के महीने में भगवान शिव धरती पर भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं.
कुरुक्षेत्र में महाशिवरात्रि का महत्व
कुरुक्षेत्र के प्राचीन मंदिर स्थानेश्वर महादेव में सुबह से ही भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा हुआ है. शिवरात्रि के इस पावन अवसर पर हरिद्वार से जल लेकर आए कांवड़ियों ने भी शिवलिंग पर जल चढ़ाया. इस प्राचीन मंदिर थानेश्वर की मान्यता है कि यहां कभी तपोवन हुआ करता था और यहां ऋषि मुनि भी तपस्या किया करते थे.
जब ऋषि मुनि तपस्या कर रहे थे तो शिवलिंग स्वयं प्रकट हुए थे और शंकर भगवान ने ऋषि-मुनियों द्वारा की गई तपस्या को सफल माना था और उन्हें वरदान दिया था. इसके बाद से से ही इस शहर का नाम थानेसर रखा गया.