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जिन कोरोना वॉरियर्स को फूल बरसाकर सम्मानित किया, KDB ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने लॉकडाउन में 70 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. जिसके विरोध में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कर्मचारियों को हिरासत में लिया है. पढ़ें पूरी खबर

Kurukshetra Development Board fired 70 Swepers
Kurukshetra Development Board fired 70 Swepers

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Published : May 21, 2020, 9:13 PM IST

Updated : May 22, 2020, 12:06 PM IST

कुरुक्षेत्र: जिले के कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने लॉकडाउन में 70 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. जिसके विरोध में कर्मचारी कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. ये कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों को ध्यान में रखकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. गुरुवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन कर रहे इन कर्मचारियों को हिरासत में लिया है.

ये सभी कर्मचारी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कार्यालय के बाहर कई दिनों से धरना दे रहे थे. गुरुवार को जिला पुलिस ने इन कर्मचारियों पर कार्रवाई की. जननायक जनता पार्टी के थानेसर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके योगेश शर्मा और आम आदमी पार्टी के थानेसर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके सुमित हिंदुस्तानी भी कर्मचारियों को समर्थन देने आए थे.

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने लॉकडाउन में 70 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया

कुरुक्षेत्र पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया. सभी को पकड़कर पुलिस इन्हें विशेष बस के जरिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय थाने ले गई. इस बारे में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सीईओ गगनदीप सिंह ने बताया कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने सिर्फ 30 सफाई कर्मचारियों को रखा है.

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

ये कर्मचारी कई दिनों से अपनी मांगों पर अडिग थे. प्रदर्शन के दौरान ये कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करवाई. जिसपर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया. वहीं डीएसपी अजय राणा ने बताया कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से हटाए गए 70 कर्मचारी कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. जिन्हें गिरफ्तार कर पुलिस थाने लाया गया है.

अब ये मामला राजनीतिक रंग ले चुका है. मामले का पता चलते ही कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा हिरासत में लिए गए सफाई कर्मचारियों से मिलने थाने पहुंचे. उन्होंने कड़े शब्दों में सरकार की निंदा की और कहा कि सरकार दूसरे संस्थानों को नसीहत दे रही है और खुद ही अपने कर्मचारियों को बाहर निकाल रही है.

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अशोक अरोड़ा ने बताया कि सरकार के ही नेता और अधिकारी इन सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा बोलकर फूल मालाओं से सम्मान करते हैं और आज इन चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नौकरी छीन ली. इस मुश्किल समय में सरकार को उनका साथ देना चाहिए था. लेकिन सरकार ने इनके साथ उल्टा ही किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन कर्मचारियों के साथ है और वो राज्यपाल हाउस में भी इस बारे में बात करेंगे.

क्या काम करता है केडीबी?

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का काम महाभारत कालीन युद्ध से जुड़े सभी 48 कोस की तीर्थ स्थलों की देखरेख करना है. कुरुक्षेत्र में होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव, सूर्यग्रहण महोत्सव और शाही स्नान की देखरेख कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन है. इस बोर्ड में लगभग 100 के करीब सफाई कर्मी काम करते थे. जिसमें से 70 को बोर्ड ने निकाल दिया है. 48 कोस की इस जमीन के अंदर कुरुक्षेत्र समेत कुछ कैथल, कुछ जींद और कुछ करनाल के तीर्थ आते हैं. ये सब तीर्थ इसी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन हैं.

Last Updated : May 22, 2020, 12:06 PM IST

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