हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

हरियाणा में तैयार की गई भारत के सबसे मंहगे आम की किस्म, दाम जानकर हो जायेंगे हैरान

कुरुक्षेत्र के लाडवा में स्थित इंडो इजरायल फल उत्कृष्ट केंद्र (Indo Israel Centre of Excellence in Ladwa) में फलों के राजा कहे जाने वाले आम की लगभग 30 प्रकार की नई किस्म तैयार की गई है. इनमें से 12 ऐसी किस्मे हैं जो दाम, रंग और पैदावार के मामले में बाकी के आम के फलों से कई गुना बेहतर है. देश के सबसे महंगे आम की किस्म भी इस संस्थान ने पैदा की है.

Indo Israel Centre of Excellence in Ladwa
कुरुक्षेत्र के लाडवा में स्थित इंडो इजरायल फल उत्कृष्ट केंद्र में भारत के सबसे महंगे आम की किस्म तैयार की गई है.

By

Published : Apr 27, 2022, 1:24 PM IST

Updated : Apr 27, 2022, 5:47 PM IST

कुरूक्षेत्र: भारत में सभी फलों में आम सबसे ऊपर है. भारत में आम के फल लगभग सभी राज्यों में होते हैं लेकिन अलग-अलग राज्यों में इसकी वैरायटी भी अलग-अलग होती है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आम की कई नई वैरायटी तैयार की गई है. आम की ये नई किस्में कुरूक्षेत्र के लाडवा में स्थित इंडो इजरायल फल उत्कृष्ट केंद्र में तैयार की जा रही है. यहां पर लगभग 30 प्रकार की आम की नई किस्म तैयार की गई हैं. इनमें से 12 ऐसी किस्मे हैं जो दाम, रंग और पैदावार के मामले में देश में सर्वश्रेष्ठ साबित हो रही हैं.


इंडो इजरायल उत्कृष्ट केंद्र के डायरेक्टर डॉक्टर बिल्लू यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उनके सेंटर पर अबकी बार आम की 30 किस्म तैयार की जा रही हैं. इनमें से 12 किस्म ऐसी हैं जो दूसरे रंगों की है और काफी आकर्षित करती है. इनके उत्पादन से लेकर दाम तक दूसरी किस्मों से ज्यादा है.

हरियाणा में तैयार की गई भारत के सबसे मंहगे आम की किस्म, दाम जानकर हो जायेंगे हैरान

यहां पर तोता परी, चौसा, आम्रपाली, आरुणिक, लंगड़ा, केसर, राम केला, अंबिका, पूसा, अरुणिमा, दशहरी, मल्लिका, ऑस्टिन, लिली, दूध पेड़ा, पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, पूसा प्रतिमा, पूसा पितांबर लगभग ऐसी 30 किस्म तैयार की जा रही हैं. इनमें से पूसा पितांबर, ऑस्टिन, लिली, टॉमी अरुणिमा, अरुणिका, अंबिका, पूसा लिलिमा अलग रंग की नई किस्म हैं. जो सबसे दाम और पैदावार में देश में सबसे बेहतर मानी जा रही हैं.

डॉक्टर बिल्लू यादव ने बताया कि पहले 10-10 फीट की दूरी पर आम के पौधे लगाए जाते थे. इस बार यहां पर हमने नया एक्सपेरिमेंट करके 4-4 फीट की दूरी पर पौधे तैयार करके बंपर पैदावार करने वाली किस्में तैयार की हैं. इन किस्मों के एक पौधे से 120 क्विंटल से लेकर 200 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है. यहां पर सौ रुपये में एक पौधा दिया जाता है. यहां से जो किसान पौधे लेकर जाते हैं वह अपने बागवानी विभाग में उसका रजिस्ट्रेशन कराकर 50 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. यहां से दिल्ली, राजस्थान, यूपी, पंजाब, हरियाणा के किसान आम के पौधे लेकर जा रहे हैं. इनमें कुछ ऐसी भी किस्में है जिसमें अभी प्रयोग चल रहा है. हमें उम्मीद है कि यह आने वाले समय में भारत के सबसे अच्छे आम में शुमार होंगे.

आधा किलोग्राम का होता है एक आम-इंडो इजरायल उत्कृष्ट केंद्र के वैज्ञानिक डॉ एसपीएस सोलंकी ने कहा कि यहां पर जो दूसरे रंगों की किस्म तैयार की जा रही है उनकी पैदावार अब तक की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाले पौधों में हैं. हरियाणा में एकमात्र यही संस्थान है जहां पर दूसरे रंगों के आमों की किस्म तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि अगर किसान इनका सही प्रबंधन करें तो लगभग पांच सौ ग्राम तक का एक आम हो जाता है. जिसकी बाजार में दूसरे फलों से ज्यादा कीमत मिलती है.

दो सौ से तीन सौ रुपये का बिकता है एक आम- डॉक्टर एसपीएस सोलंकी ने बताया कि आने वाले वक्त में उम्मीद जताई जा रही है कि यहां से जो आम किसान अपने खेतों में लगाएंगे वह विदेशों में भी जाएंगे. उनसे किसान अच्छा मुनाफा कमाएंगे. क्योंकि इनकी गुणवत्ता दूसरे सभी आम की किस्मों से काफी अच्छी है. वही साधारण आम की अगर बात करें डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से मार्केट में बिक रहा है. जबकि दूसरें रंगों की इस किस्म के एक आम की कीमत 200 से 300 रुपये तक मार्केट में होती है. अगर किसान सही मैनेजमेंट के जरिए यह आम तैयार करते हैं तो अच्छा मुनाफा ले सकते हैं.

एक साल बाद देने लगता है फल- सोलंकी ने बताया कि पूसा पितांबर, ऑस्टिन, लिली, टॉमी अरुणिमा, अरुणिका, अंबिका, पूसा लिलिमा आदि दूसरे रंगों के आमों पर पेड़ लगाने के बाद एक साल बाद फल आना शुरू हो जाता है. हलांकि किसान को उस दौरान कम फल लेना चाहिए. क्योंकि उस समय पौधा छोटा होता है. जबकि तीसरे साल से सही तरीके से फल आना शुरू हो जाता है. जो लगभग 40 से 50 साल तक किसान को फल देता रहता है. रंगों के नाम की वजह से इनका भाव किसानों को दूसरे आम की अपेक्षा ज्यादा मिलता है. वहीं पैदावार भी ज्यादा होती है. यहां पर ऐसे ही आम तैयार किए गए हैं जो अल्फांसो नाम के आम से भी महंगा बिक रहा है.

कहां होती है अल्फांसो आम की पैदावार-दरअसल हापुस आम की किस्म को ही अंग्रेजी में अल्फांसो नाम दिया गया है. इस आम की पैदावार महाराष्ट्र में होती है. इसे भारत का सबसे महंगा आम कहा जाता है. इस एक आम की कीमत तीन सौ से चार सौ रुपये तक होती है. आम का वजन डेढ़ सौ ग्राम से लेकर 300 ग्राम तक होता है. मिठास, सुगंध और बेहतरीन स्वाद हापुस की सबसे बड़ी खासियत है. इन्ही कारणों से यह बाकी के अन्य आमों से महंगा होता है. ये आम किलोग्राम के भाव से नहीं बल्कि दर्जन के भाव में बिकता है

फरवरी-मार्च में मैगों हापर कीट से आम को खतरा होता है. इसके लिए प्रबंध करना चाहिए. फरवरी-मार्च में कीट आक्रमण करता है जिससे फूल- फल झड़ जाते हैं. इसके अलावा फफूंद भी पैदा हो जाती है. इसके लिए एक लीटर पानी में क्विनालफॉस दवा की एक एमएल मात्रा पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

मिलीबग कीट- मिलीबग नाम के कीट फरवरी महीने में टहनियों से रस चूसते हैं जिससे फल-फूल झड़ जाते हैं. इसके लिए क्लोरोपायरीफास दवाई का 200 ग्राम प्रति पौधा छिड़काव करें. इसके अलावा बांध रोग की वजह से आम के पौधों की पत्तियां गुच्छे का रूप धारण करती हैं. इस दौरान फल में नर फूलों की संख्या बढ़ जाती है. प्रभावित फूलों को काटकर 2 एमएल नेप्थलीन ऐसटिक एसिड का छिड़काव 15 दिन के अंतराल में दो बार करें. ऐसा करने से किसान एक अच्छी फसल आम की खेती के लिए सकते हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

Last Updated : Apr 27, 2022, 5:47 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details