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दिवाली के बाद कुरुक्षेत्र में प्रदूषण की मार, दमे और सांस के रोगियों में हुआ इजाफा - दिवाली के बाद कुरुक्षेत्र में बढ़ा वायु प्रदूषण

दिवाली के बाद से हवा में फैला प्रदूषण दमा और सांस के रोगियों के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहा है. बढ़े प्रदूषण स्तर के कारण आमजन को आंखों में जलन और सांस लेने में समस्या हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि दिवाली में पटाखों के जलाने से इस प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है, जो सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है.

दिवाली के बाद कुरुक्षेत्र में बढ़ा प्रदूषण का कहर

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Published : Oct 29, 2019, 8:27 PM IST

कुरुक्षेत्रःपटाखों से फैले प्रदूषण ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. किसी का सीना जकड़ रहा है तो किसी को सांस लेने में परेशानी हो रही है. इन परेशानियों को लेकर काफी मरीज जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आए. काफी संख्या में मरीज निजी चिकित्सकों के पास गए. इनमें ज्यादा सांस और अस्थमा के मरीज शामिल हैं.

लगातार हुआ इजाफा
दिवाली के बाद जिले के हस्पताल में दमा और सांस के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हवा में फैले प्रदूषण के कारण हो रही समस्या को देखते हुए डॉक्टरों ने सलाह दी है कि दमा और सांस के रोगियों को घर से एंटी एलर्जी दवाई का सेवन करके ही घर से बाहर निकलना चाहिए.

दिवाली के बाद कुरुक्षेत्र में बढ़ा प्रदूषण का कहर

डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर शैलेंद्र ने बताया कि जिले के अस्पताल में लगातार सास और दमें की मरीज की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसका मुख्य कारण दिवाली के बाद से फैला प्रदूषण है और इसका प्रभाव लगभग 10 दिन तक दमे के मरीजों के लिए हानिकारक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए लगातार 10 दिन तक एंटी एलर्जी दवाइयों का सेवन करें और जहां तक हो मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें.

क्यों होती है परेशानी ?
वातावरण में सल्फर डाई ऑक्साइड और कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाने से पर्यावरण ही नहीं सेहत को भी काफी नुकसान होता है. पटाखों में कई खतरनाक पदार्थ रहते हैं. इनके फूटने से वातावरण में ये धुएं के साथ भरपूर मात्रा में फैल जाते हैं. सांस नलिकओं में पहुंचने के बाद नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं और इससे मरीजों को दिक्कत बढ़ जाती है. जिसमें सांस एवं छाती के रोगियों के लिए काफी परेशानी होती है.

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