शाहाबाद महिला हॉकी मारकंडेश्वर एकेडमी कुरुक्षेत्र: हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा भारत में ही नहीं विदेश में भी है, ये हर कोई जानता है. हरियाणा को कुश्ती और कबड्डी के साथ-साथ महिला हॉकी के लिए भी विश्व भर में जाना जाता है. हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद कस्बे में स्थित महिला हॉकी एकेडमी नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ियों को देने वाली एक फैक्ट्री बनी हुई है. कहते हैं यहां जो भी खिलाड़ी एक बार खेलने के लिए जाता है, वो 100% नेशनल खेलता है और अगर वो और भी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करें तो वो इंटरनेशनल भी खेलता है. इस एकेडमी की अब तक करीब 35 महिला खिलाड़ी इंटरनेशनल हॉकी टीम में खेल चुकी है. वहीं, करीब 150 से 200 खिलाड़ी नेशनल स्तर पर खेल चुकी हैं. इसी महिला हॉकी एकेडमी की तीन खिलाड़ी भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रहकर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.
करीब 4 से 6 घंटे होती है खिलाड़ियों की ट्रेनिंग एकेडमी में करीब 300 बच्चे ले रहे ट्रेनिंग: शाहाबाद महिला हॉकी मारकंडेश्वर एकेडमी के कोच सुरेंद्र ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए कहा कि यहां पर करीब 4 से 5 वर्गों में खिलाड़ियों को खिलाया जाता है. यहां मौजूदा समय में करीब 300 बच्चे ट्रेनिंग ले रहे हैं. खिलाड़ियों की ट्रेनिंग करीब 4 से 6 घंटे होती है, जिसमें कई वर्गों में बांटकर उनको ट्रेनिंग दी जा रही है, क्योंकि खिलाड़ी ज्यादा होने की वजह से एक समय पर सभी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती. मौजूदा समय में भारत की नेशनल टीम में यहां की खिलाड़ी खेल रही है और प्रदेश के साथ देश का नाम भी रोशन कर रही हैं.
इंटरनेशनल महिला हॉकी खिलाड़ियों की फैक्ट्री है महिला हॉकी मारकंडेश्वर एकेडमी बलदेव कोच ने की एकेडमी की शुरुआत: शाहाबाद महिला हॉकी मारकंडेश्वर एकेडमी की कोच निक्की ने कहा कि बहुत सालों पहले ही इस एकेडमी को बलदेव कोच के द्वारा शुरू किया गया था, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से बच्चों को इस कदर तैयार किया कि उन्होंने इस छोटे से कस्बे का नाम हॉकी के लिए पूरे विश्व में चमकाने का काम किया. उन्होंने रानी रामपाल सहित सैकड़ों खिलाड़ियों को यहां पर हॉकी की ट्रेनिंग दी, जिसकी बदौलत उन्होंने महिला हॉकी टीम को विश्व में बुलंदियों पर पहुंचाने का काम किया.
150 महिला खिलाड़ी और 150 पुरुष खिलाड़ी ले रहे ट्रेनिंग ये भी पढ़ें:Asian Games 2023:एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों का 'गोल्ड गुरुकुल' है कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, यहां के कई खिलाड़ियों ने जीते गोल्ड, शूटिंग रेंज की कई हैं खासियत
हॉकी मारकंडेश्वर एकेडमी के साथ हॉकी की बॉयज की नर्सरी:एकेडमी कोच के अनुसार रानी रामपाल का नाम हर कोई जानता है कि वह कैसे एक गरीब परिवार से उठकर महिला हॉकी टीम की कप्तान बनीं. ये कोच बलदेव के द्वारा ही संभव हो पाया है. उनकी तैयार की हुई पौध अब विश्व में पहचानी जाती है क्योंकि माना जाता है कि जो भी खिलाड़ी इस एकेडमी में खेलने के लिए आता है, वो 100 फीसदी नेशनल और इंटरनेशनल खेलता है. उन्होंने कहा कि यहां पर अब महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों की हॉकी एकेडमी भी बनाई गई है. यहां पर सरकार द्वारा एक हॉकी की बॉयज की नर्सरी भी चलाई जा रही है.
कुरुक्षेत्र शाहाबाद महिला हॉकी मारकंडेश्वर एकेडमी 150 महिला खिलाड़ी और 150 पुरुष खिलाड़ी ले रहे ट्रेनिंग: मौजूदा समय में करीब 150 महिला खिलाड़ी और करीब 150 पुरुष खिलाड़ी इस एकेडमी में ट्रेनिंग करते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि एकेडमी से निकली तीन खिलाड़ी भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रह चुकी हैं, जिनमें से रानी रामपाल एक हैं. मौजूदा समय में भी जूनियर भारतीय हॉकी टीम और सीनियर भारतीय हॉकी टीम में यहां से खिलाड़ी खेल रही हैं. नवनीत कौर भारतीय महिला हॉकी टीम की उप कप्तान हैं जो काफी अच्छा खेलती है और देश को मेडल दिलाने का काम करती हैं.
एकेडमी से निकली कई नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी खिलाड़ियों से जानें क्या है एकेडमी की स्थिति: नेशनल टीम की सदस्य खिलाड़ी अंजलि ने कहा कि वह भारत की नेशनल टीम की खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने अच्छे प्रदर्शन से गोल्ड मेडल हासिल किया था. यहां पर खिलाड़ियों के साथ-साथ कोच भी बहुत मेहनत करवा रहे हैं, जिसके चलते सभी अच्छा प्रदर्शन करते हैं.
शाहाबाद महिला हॉकी मारकंडेश्वर एकेडमी में 300 बच्चे ले रहे ट्रेनिंग दुनिया में देश और प्रदेश का नाम रोशन करना चाहती हैं यहां की खिलाड़ी: नेशनल स्तर के एक खिलाड़ी ने कहा कि यहां पर शुरुआती समय से ही काफी अच्छे खिलाड़ी निकल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर वे 6 घंटे मेहनत करती हैं, जिसकी बदौलत वो भी नेशनल स्तर तक पहुंच चुकी हैं. यहां ट्रेनिंग ले रही कई महिला हॉकी खिलाड़ी चाहती हैं कि वे अपने अन्य दूसरे बड़े खिलाड़ियों की तरह इंटरनेशनल स्तर पर जाकर देश का नाम रोशन करें.
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एकेडमी में इंटरनेशनल स्तर की सुविधा: हॉकी खिलाड़ी काजल ने कहा कि उन्होंने जूनियर वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने भारतीय टीम में रहकर देश के लिए खेला.
एकेडमी में इंटरनेशनल स्तर का एस्ट्रो ट्रफ ग्राउंड: नेशनल जूनियर कैंप में रहने वाली एक खिलाड़ी ने बताया कि यहां पर एस्ट्रो ट्रफ ग्राउंड है जो इंटरनेशनल स्तर का बनाया गया है. यहां पर लाइट की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें डे नाइट खेलों के लिए प्रैक्टिस की जाती है. यहां अच्छी सुविधा होने के चलते वह अच्छा प्रदर्शन कर पा रही हैं. वे भी देश के लिए मेडल लेकर आना चाहती हैं और देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. हरियाणा सरकार ने एकेडमी में काफी सुविधा दी हुई है, जिसकी बदौलत अच्छा प्रदर्शन सभी कर पा रहे हैं.