कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में इंटरनेशनल गीता जयंती महोत्सव (International Gita Jayanti Festival in Kurukshetra) में जेल विभाग द्वारा विशेष रूप से एक स्टॉल लगाया गया है. स्टॉल कैंदियों द्वारा बनाया गया सामान रखा गया है. कैदियों की कलाकारी से बनाया गया यह सामान पर्यटकों को खूब भा रहा है. स्टॉल पर सेंट्रल जेल अंबाला के अलावा कुरुक्षेत्र जिला जेल, हिसार जिला जेल, सोनीपत जिला जेल, यमुनानगर जिला जेल सहित अन्य जेलों में कैंदियों द्वारा बनाए गए सामान को रखा गया है.
कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव मे लगाए गए स्टॉल पर सेंट्रल जेल अंबाला के अलावा कुरुक्षेत्र जिला जेल, हिसार जिला जेल, सोनीपत जिला जेल, यमुनानगर जिला जेल सहित अन्य जेलों में कैंदियों द्वारा बनाए गए सामान को रखा गया है. कुरुक्षेत्र जेल और अंबाला सेंट्रल जेल के कैदियों द्वारा काफी सुंदर पेंटिंग बनाई गई हैं जोकि स्टॉल पर बिकवाली के लिए रखी गई है.
इंटरनेशनल गीता जयंती महोत्सव: आकर्षण का केंद्र बने कैदियों द्वारा बनाए गए सामान कुरुक्षेत्र जेल के कैदियों द्वारा तिरंगे के रूप में बनाई गई एक पेंटिंग काफी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. ये बात हवाओं को बताए रखना रोशनी होगी सिर्फ चिरागों को जलाए रखना, ऐसे तिरंगे को दिल में बसाए रखना. तिरंगे की पेंटिंग के नीचे लिखी ये लाइन पर्यटकों में देशभक्ति का जज्बा जागृत रही है. इसके अलावा विभिन्न रूप में लकड़ी के फ्रेम के साथ तिरंगे बनाए गए हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
लकड़ी से बना सामान भी इस स्टॉल पर रखा गया है कैदियों द्वारा बनाई गई बेटी बचाने के संदेश की पेंटिंग-कुरुक्षेत्र जेल के कैदियों द्वारा बनाई गई बेटी बचाओ के संदेश की पेंटिंग भी पर्यटकों को गहरा संदेश दे रही है. इस पेंटिंग पर बेटी बचाओ बेटी पढाओ के अलावा एक स्लोगन भी लिखा गया है. स्लोगन में बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे लिखा गया है. इसके अलावा लकड़ी से बना सामान भी इस स्टॉल पर रखा गया है जिसमें कुर्सी, फ्लॉवर पॉट के अलावा अन्य सामान रखा गया है. स्टॉल पर आंवला, आंवला कैंडी, एलोवेरा जूस के अलावा लकड़ी का सामान, सजावट के सामान में चरखा, शीशा, फ्लावर पोट, दीवार घड़ी सहित अन्य सामान है जिसे पर्यटक चाह कर खरीद रहे हैं. स्टॉल में कैदियों द्वारा बनाए गए कई सामान टूरिस्ट को खूब लुभा रहे हैं. कैदियों के लिए जेलों में दी गई है विशेष सुविधा- स्टॉल पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि जो भी कैदी किसी अपराध के चलते जेल पहुंचता है जो जेल में उसे सुधारने का प्रयास किया जाता है. कैदी को उसकी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने का मौका दिया जाता है. जो कैदी आर्ट का कार्य कर सकते हैं, उन्हे उसी प्रकार का काम दिया जाता है ताकि जब वे अपनी सजा पूरी कर बाहर की दुनिया में जाए तो अच्छा इंसान बनकर जाएं.
कैदियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग जेल विभाग के कर्मचारी ने बताया कि कोई कैदी गुनाह करके जेल में आते हैं उनकी कला के आधार पर उनको काम करने दिया जाता है. ऐसे में वहां काम करके अतिरिक्त पैसे भी कमाते हैं. जो सारा दिन खाली रहने से उनकी नकारात्मक सोच है वह बदल जाती है और बुरे विचार मन में नहीं आते ऐसे अपने आपको बिजी सकारात्मक सोच उनके दिमाग में आ जाती है जब जेल से बाहर निकलते हैं तो अच्छे इंसान बन जाते हैं. जेल विभाग के द्वारा यह पिछले 6 सालों से है प्रदर्शनी लगा रहे हैं जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां पर जो समान ख़रीदा जाता है अभी जेल विभाग में व्लफेयर के खाते में जाता है. जब कैदी बाहर निकलते हैं तब उनको वह पैसा दिया जाता है.