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आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किये गये किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी जेल से रिहा, बाकी 9 किसान भी बाहर आये - हरियाणा किसान आंदोलन

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chadhuni) जेल से रिहा हो गये हैं. गुरनाम सिंह को नेशनल हाईवे 44 जाम करते समय 6 जून को गिरफ्तार किया गया था. उनके साथ बाकी 9 किसान भी जेल से बाहर आ गये हैं. किसानों की सभी मांगे सरकार ने 14 जून को मान ली थी, जिसके बाद किसानों की ये रिहाई हुई है.

Gurnam Singh Chadhuni released from jail
Gurnam Singh Chadhuni released from jail

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Published : Jun 15, 2023, 9:28 PM IST

कुरुक्षेत्र: शाहबाद में लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार किये गये भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी जेल से बाहर आ गये हैं. गुरनाम सिंह चढूनी के साथ 9 किसान भी गिरफ्तार किये गये थे. सभी किसानों को गुरुवार को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया. जेल से बाहर आने पर किसान नेताओं का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया.

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जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना वजह किसानों पर लाठी चलाई और हमारे ऊपर 307 के मुकदमे लगा दिये. किसानों की एकता के चलते सरकार को झुकना पड़ा. एमएसपी को लेकर किसान संगठन आगे भी लड़ाई लड़ते रहेंगे.

भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उनकी रिहाई किसान आंदोलन की जीत है. शाहबाद में किसानों पर हुआ लाठीचार्ज पुलिस की क्रूरता है. ये पुलिसिया कार्रवाई सरकार के कहने पर हुई. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में सरकार ने वर्ष 2014 में लिख कर दिया था कि वह सारी फसलों की खरीद कर रही है. अब उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखकर हम सरकार की पोल खोलेंगे.

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दरअसल हरियाणा में सूरजमुखी के लिए एमएसपी की मांग कर रहे किसानों पर 6 जून को पुलिस ने कुरुक्षेत्र में लाठीचार्ज कर दिया था. लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी और बाकी 9 किसानों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद किसानों ने 12 जून को पीपली में महापंचायत बुलाकर नेशनल हाईवे 44 जाम कर दिया. जिसके बाद सरकार ने किसानों की सभी मांगें मान ली. सरकार किसानों के ऊपर से मुकदमा हटाने के लिए भी राजी हो गई. इसके बाद गुरुवार को सभी किसान नेता जेल से रिहा हो गये.

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