कुरुक्षेत्र:हरियाणा में इन दिनों किसान-सरकार आमने-सामने है. सूरजमुखी के लिए एमएसपी और जेल में बंद किसानों की रिहाई को लेकर किसान कुरुक्षेत्र के नेशनल हाईवे 44 पर बैठे हैं. हाईवे जाम होने की सबसे ज्यादा मार ट्रक ड्राइवरों पड़ रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के दोनों तरफ कई किलोमीटर तक ट्रकों की लंबी लाइन लग गई है. जाम में फंसे होने के चलते सबसे ज्यादा ट्रक ड्राइव परेशान हैं. ड्राइवरों के खाने का भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है.
किसानों द्वारा बंद किए नेशनल हाईवे की एक ऐसी तस्वीर भी सामने आ रही है, जो लगातार मुसाफिरों की मुश्किलें बयां कर रही है. हालांकि प्रशासन ने किसानों के धरने को देखते हुए वाहनों की आवाजाही के लिए रोड डायवर्ट कर दिया है. लेकिन प्रशासन द्वारा किए गए रोड डायवर्ट का फायदा बड़े वाहनों को नहीं मिल पा रहा है. दरअसल, इन रूटों पर ट्रकों की आवाजाही के लिए जगह नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते नेशनल हाईवे पर दोनों तरफ 15-20 किलोमीटर तक ट्रकों की लंबी-लंबी करतारे लगी हैं.
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ट्रक चालकों का कहना है कि कोई यहां सोमवार की दोपहर से लेकर फंसा है तो कोई रातभर से यहां पर परेशान हो रहे हैं. एक बड़ी समस्या ये भी है कि जहां ट्रकों की लंबी लाइनें लगी है, वहां न तो खाने के लिए कुछ मिल पा रहा है और न पीने के लिए पानी की व्यवस्था हो पा रही है. बीते 24 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है और ट्रक चालकों ने खाना नहीं खाया है. ट्रक चालकों का कहना है कि नेशनल हाईवे जाम करना ठीक नहीं है.
नेशनल हाईवे 44 पर जाम में फंसे ट्रक ड्राइवर. ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान ट्रक चालकों ने कहा कि बीते सोमवार की दोपहर से ही किसानों ने नेशनल हाईवे 44 को जाम कर दिया था. दोनों तरफ 20 किलोमीटर तक ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है. न आगे जाने के लिए रास्ता है, न पीछे जाने का कोई विकल्प है. एक ड्राइवर ने बताया कि कुछ दूरी तक पैदल जाने के बाद एक होटल मिला. उसमें जितना मिल सका उतना पानी पिया. खाना भी नहीं खाया है.
ड्राइवरों का कहना है सरकार को किसानों की मांगें मानकर रोड खुलवाना चाहिए. आम लोग जो परेशान हो रहे हैं, उनकी तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए. ट्रक चालकों का कहना है पहले ही इतनी गर्मी पड़ रही है. कुछ समय और जाम की स्थिति ऐसी रही तो ट्रक में रखा सारा सामान खराब हो जाएगा. जिसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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