कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र जिला जेल की जमीन पर पेट्रोल पंप (petrol pump in kurukshetra jail) स्थापित किया गया है. इस पेट्रोल पंप का संचालन कैदियों द्वारा किया जाता है. सुबह 7 बजे से कैदियों की ड्यूटी शुरू होती है. इन्हें जेल से निकाल कर पेट्रोल पंप पर लाया जाता है. जहां से ड्रैस बदलकर कैदी मशीनों को संभालते हैं. और वाहनों में पेट्रोल डीजल भरने का काम करते हैं. इस दौरान 2 सुरक्षा कर्मी भी इनकी देखरेख में तैनात रहते हैं. सुबह सात से शाम के 7 बजे तक ये कैदी अपनी ड्यूटी निभाते हैं.
जैसे ही शाम के 7 बजते हैं. इनकी शिफ्ट बदल जाती है. तब पूरे दिन का लेख जोखा इन्हें पंप कार्यालय में देना होता है. जितना कैश इकट्ठा होता है. उसे कार्यालय में जमा कराकर कैदियों को फिर से जेल भेज दिया जाता है. जिला जेल अधीक्षक सोमनाथ जगत ने बताया कि जब से ये कैदी पेट्रोल पंप पर जाने लगे हैं. ये खुश हैं. इन्हें एक बार फिर बाहरी दुनिया में रहने का मौका मिला है. जेल अधीक्षक ने बताया कि इस पेट्रोल पंप की शुरुआत में जेल विभाग और इंडियन ऑयल का सहयोग रहा है.
इस पंप के लिए जो भी राशि खर्च हुई है वो इंडियन ऑयल के द्वारा की गई है. वहीं पंप के लिए जमीन जेल विभाग के द्वारा दी गई है. इस पंप से जो भी कमाई होती है. उसे परिजनल वेलफेयर में कैदियों के उत्थान के लिए जमा कराया जाता है. उन्होंने बताया कि अभी उन 7 कैदियों को काम पर लगाया गया है, जो हार्डकोर श्रेणी में नहीं आते. जिन का चालचलन जेल में अच्छा है. इसके अलावा भी जेल विभाग ने कैदियों के लिए कई ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया है, चाहे वो रेडियो जॉकी हो चपल बनाने का काम हो और भी कई अन्य जिसमें महिलाओं को भी मौका दिया गया है.
इन कार्यों को करने का मुख्य उद्देश्य ये है कि जब भी ये कैदी यहां से जाए तो इनके पास काम का अनुभव हो और ये रोजी कमा सकें. अभी इस पेट्रोल पंप को लगे एक महीना ही हुआ है. 1 महीने में ही पेट्रोल पंप से 8 लाख रुपये की कमाई हुई है. आसपास के 5 राज्यों और हरियाणा का ये एकमात्र पहला जेल के द्वारा लगाया गया पेट्रोल पंप है. वहीं हरियाणा जेल विभाग ने ऐसे राज्य की 11 और जेलों में पेट्रोल पंप लगाने की बात कही है. यहां से जितने भी राशि की बचत होगी वओ सभी कैदियों के फंड में भेजी जाएगी.
पारिवारिक झगड़े में उम्रकैद की सजा काट रहे पवन ने बताया कि अब यही उनका परिवार है. पवन जब जेल में आया था तो वो तब 8वीं तक ही पढ़ा था. जेल में आने के बाद पवन ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की. अब पवन बीएड की तैयारी कर रहे हैं. पवन ने कहा कि काम तो उन्हें जेल के अंदर भी करना पड़ता है, लेकिन यहां उन्हें अच्छा लगता है, क्योंकि उन्हें बाहरी दुनिया देखने और बाहरी लोगों से मिलने का मौका मिलता है. राजेश नाम के कैदी ने कहा कि वो साढ़े 4 साल से जेल में बंद है. जेल में वो पहले लांगरी का काम (खाना बनाने) करते थे. अब वो बाहर पंप पर काम करके खुश है.