कुरुक्षेत्र: 21वीं सदी में भारत करीब 4 महीनों के लिए पूरी तरह से लॉक हो गया. जिसकी वजह से लोगों ने ज्यादातर वक्त घर में परिजनों के साथ बिताया. नतीजा ये रहा कि जब लोग करीब आए तो उनके रिश्ते पहले से ज्यादा मधुर और मजबूत होने की जगह बिगड़ने लगे. राष्ट्रीय महिला आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामले 50 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं.
बात करें कुरुक्षेत्र की तो घरेलू हिंसा के एक तिहाई मामले नव दंपति के बीच सामने आए हैं. समाज सेविका संतोष दहिया ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में बताया कि घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों की असली वजह मायके की दखल अंदाजी है.
स्मार्ट फोन का बढ़ते चलन और मायके वालों की दखल अंदाजी से बढ़ रही घरेलू हिंसा स्मार्ट फोन्स का बढ़ता चलन भी घरेलू हिंसा की वजह माना जा रहा है. महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी के मुताबिक जिले में
1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक
- घरेलू हिंसा के 280 मामले सामने आए
- जिनमें 64 केस नवविवाहित जोड़ों के थे
- ज्यादातर मामले आपसी सहमति से सुलझे
1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 तक
- कुल 299 मामले सामने आए
- जिसमें 170 मामले कोर्ट में गए
- 36 मामलों में समझौते हुए
- जो केस बंद हुए उनकी संख्या 93
1 अप्रैल 2019 से 2020 अब तक
- लगभग 93 मामले घरेलू हिंसा के सामने आए हैं
- कोर्ट में 7 मामले गए हैं
- आपसी समझौते 19 हुए हैं
- 28 केस बंद करवाए गए हैं
- 39 केस अभी पेंडिंग में है
अभी इन मामलों में और भी बढ़ोतरी हो सकती है. लेकिन विभाग का दावा है कि वो लगातार जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. अच्छी बात ये है कि ज्यादातर मामलों का निपटारा आपसी सहमति से हो रहा है.
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घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी की बड़ी वजह पति-पत्नी में तालमेल की कमी होना भी है. महिला संरक्षण विभाग टीम लोगों को इसके लिए जागरुक भी कर रही है. लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामले इसलिए भी बढ़े हैं क्योंकि जब पूरा परिवार एकसाथ रहता है तो पसंद ना पसंद को लेकर विवाद होता है. जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. एक्सपर्ट के मुताबिक मायके की दखल अंदाजी पति-पत्नी के रिश्ते में जहर घोलने का काम कर रही है. स्मार्टफोन्स की बढ़ता चलन भी रिश्तों में खलल डाल रहा है.