हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

चैत्र नवरात्रि 2023: फूलों से सजाया गया कुरुक्षेत्र का माता भद्रकाली मंदिर, भक्तों का लगा तांता - माता भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र

नवरात्रि के मौके पर कुरुक्षेत्र के शक्तिपीठ माता भद्रकाली के मंदिर को कई प्रकार के फूलों से सजाया गया है. नवरात्रि शुरू होते ही सुबह से ही माता रानी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है.

mata bhadrakali temple kurukshetra
mata bhadrakali temple kurukshetra

By

Published : Mar 22, 2023, 12:32 PM IST

मंदिर में भक्तों का लगा तांता

करनाल: आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं. आज से ही हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत हो रही है. इसलिए इन नवरात्रों का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. नवरात्रि के मौके पर कुरुक्षेत्र के शक्तिपीठ माता भद्रकाली के मंदिर को कई प्रकार के फूलों से सजाया गया है. नवरात्रि शुरू होते ही सुबह से ही माता रानी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है. माता भद्रकाली मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. जिसकी काफी मान्यता है.

मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण और बलराम का मुंडन भी माता भद्रकाली के मंदिर में ही किया गया था. मंदिर पीठाधीश पंडित सतपाल शर्मा ने कहा कि पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे. तब भगवान शंकर ने देवी सती के मृत शरीर को लेकर ब्रह्मांड चक्कर लगाए थे. भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था. इसमें से सती का दाया टखना इस स्थान पर गिरा.

फूलों से सजाया गया कुरुक्षेत्र का माता भद्रकाली मंदिर

जिसके बाद यहां पर शक्ति पीठ की स्थापना हुई. मंदिर में आए हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि वो हर बार नवरात्रि के व्रत रखते हैं. उनके परिवार पर माता रानी की कृपा बनी रहती है और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. श्रद्धालुओं ने कहा कि जो माता रानी से नवरात्रों के दौरान सच्चे मन से पूजा अर्चना करते हैं. उन पर माता रानी का आशीर्वाद बना रहता है. कुरुक्षेत्र का माता भद्रकाली मंदिर उन शक्तिपीठों में से एक है, जहां दूर-दराज व विदेशों से श्रद्धालु माता रानी के दर्शन करने के लिए आते हैं.

ये भी पढ़ें- Navratri 2023 : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलता है मनचाहा आशीर्वाद और जीवन की सीख भी

माता भद्रकाली महाभारत कालीन मंदिर है. यहां पर पांडवों ने आकर अपनी मानोकामना पूरी करने के लिए माता को मिट्टी के घोड़े अर्पित किए थे. ये मान्यता है कि यहां पर श्रद्धालु अगर सच्चे मन से मिट्टी, पत्थर और सोने चांदी के बने हुए घोड़े माता रानी को चढ़ाते हैं, तो उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उनकी सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है. माता भद्रकाली मंदिर के पीठाधीश ने कहा कि माता रानी के इस पर्व को काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिसके लिए माता रानी का दरबार भी सजाया गया है. माता भद्रकाली मंदिर में सैकड़ों प्रकार के फूल लगाकर दरबार सजाया गया है. यहां पर जो भी आकर अपनी मनोकामना मांगता है वो पूरी होती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details