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देह शामलात जमीन मामला: बीकेयू 28 सितंबर को अर्धनग्न होकर करेगी विरोध प्रदर्शन

बीकेयू ने मुस्तरका मालिकान व देह शामलात की जमीनों को किसानों को वापस दिलाने के लिये विरोध प्रदर्शन (BKU protest in Haryana) करने का ऐलान किया है. 28 अगस्त को किसान हरियाणा में अर्धनग्न होकर जिला सचिवालय पर प्रदर्शन करेंगे व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश की प्रतियां जलाएंगे.

हरियाणा में बीकेयू का अर्धनग्न प्रदर्शन
हरियाणा में बीकेयू का अर्धनग्न प्रदर्शन

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Published : Sep 5, 2022, 5:41 PM IST

कुरुक्षेत्रः जाट धर्मशाला में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने किसानों की एक प्रदेश स्तरीय मीटिंग (BKU meeting in kurukshetra) की. इस मीटिंग में मुस्तरका मालिकाना व देह शामलात की जमीनों को किसानों को वापस दिलाने के लिये विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया. किसानों ने कहा कि सरकार किसानों से जमीन छीनना चाहती है. जिसके नोटिस भी किसानों को आने शुरू हो गए हैं. कुछ जगहों पर कब्जे भी छुड़वाए जा रहे हैं.

बीकेयू नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि सरकार चाहती है कि किसानों की जमीनें छीनकर प्राइवेट कंपनियों को दे दी जायें व किसानों को खत्म कर दिया जाए. किसानों ने इस बात की भी चिंता जताई है कि जो जमीने संस्थाओं को दी गई हैं सरकार अब उनसे वह जमीनें भी वापस लेगी. किसानों ने ऐलान किया है कि 28 अगस्त को किसान हरियाणा में अर्धनग्न (BKU Half naked protest in Haryana) होकर जिला सचिवालय पर प्रदर्शन करेंगे व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश की प्रतियां जलाएंगे.

हरियाणा में बीकेयू का अर्धनग्न प्रदर्शन.
गुरनाम सिंह चढूनी (BKU leader Gurnam Singh) ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मीटिंग का मुख्य उद्देश्य किसानों की जमीनें बचाना है जो सरकार किसानों से छिनना चाहती है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह हमेशा लड़ते रहेंगे व जहां भी प्रशासन कब्जा लेने जाएगा सभी इकट्ठा होकर वहां पर पहुंचेंगे. गुरनाम सिंह ने हरियाणा भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ जाता है उस पर ईडी या सीबीआई के छापे पड़ने शुरू हो जाते हैं. यह सरकार की तानाशाही है सरकार किसी भी व्यक्ति को आगे नहीं आने देना चाहती.

तेलंगाना सरकार के द्वारा किसानों को एकजुट करने को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने किसानों के लिए बहुत से अच्छे कदम उठाए हैं. दूसरी सरकारों को भी उनके नक्शे कदम पर चलना चाहिए. योगेंद्र यादव के एसकेएम कोर कमेटी से इस्तीफा देने पर उन्होंने कहा कि यह उनका निजी फैसला है.

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