कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र के रहने वाले अश्विनी ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑस्ट्रेलिया की तरफ रुख किया. ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के साथ उन्होंने काम भी किया और अच्छे पैकेज वाली नौकरी करने लगे. तभी उनके दिमाग में आया कि जो काम मेहनत करके हम यहां कर रहे हैं. अगर इतनी मेहनत हम अपने देश में जाकर करें तो इसमें काफी लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं और अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक बूंद बन सकते हैं.
अश्वनी ऑस्ट्रेलिया के होटल में नौकरी करते थे. वहां मिठाई बनाने का सारा काम उसकी निगरानी में किया जाता था. अश्वनी ने करीब 7 साल तक ऑस्ट्रेलिया के होटल में काम किया. अश्विन को लगा कि जिनती मेहनत में यहां कर रहां हूं. उतनी ही अगर अपने वतन जाकर करूं तो ज्यादा अच्छा होगा. इसी सोच के साथ अश्वनी ऑस्ट्रेलिया में नौकरी ही छोड़कर भारत आ गया. कुरुक्षेत्र में अश्वनी ने साल 2004 में गायों की डेयरी शुरू की. आज डेयरी में करीब 60 गाय हैं.
इस डेयरी से अश्वनी हर महीने डेढ़ से 2 लाख रुपये कमा रहे थे. कुछ साल डेयरी को चलाने के बाद साल 2017 में उन्होंने सोचा कि जब इतने बड़े स्तर पर गाय की डेरी चला रहा हूं, तो क्यों ना अपने ही दूध से में प्रोडक्ट बनाया जाए और उनको मार्केट में बेचा जाए. अश्विनी ने ऑस्ट्रेलिया में रहकर दूध से बनने वाले प्रोडक्ट का काम सिखा हुआ था. जिसके चलते उन्होंने अपने ही डेयरी फार्म के दूध से प्रोडक्ट बनाने शुरू किए. जैसे- कुल्फी, बादाम वाला दूध, केसर वाला दूध, खीर और रबड़ी.