कुरुक्षेत्र: जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है. वहीं किसान भी आय दोगुनी करने के उद्देश्य से गेहूं व धान की फसलों को छोड़कर अन्य फसलों की खेती की तरफ रूख करने लगी गए है. जिसके चलते किसान ऐसी फसलों की पैदावार कर रहे है, जिनके भाव काफी समय से अच्छे मिल रहे है. जिनमें प्याज की फसल भी (onion crop in Haryana) शामिल है. लेकिन किसान प्याज की फसल की बिजाई करते समय उचित प्रबंधन और जानकारी के अभाव में अच्छी पैदावार नहीं कर पाते है.
किसानों की समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने कुरुक्षेत्र के जिला बागवानी अधिकारी सत्यनारायण से खास बातचीत की. जिसमें बागवानी अधिकारी ने प्याज की फसल उगाने और प्याज की फसल की देखभाल करने संबंधी जानकारी साझा की. जिसमें बागवानी अधिकारी सत्यनारायण ने बताया कि प्याज की फसल लगाने का यह बिल्कुल सही समय है. क्योंकि दिसंबर के महीने में प्याज की नर्सरी तैयार की जाती है. किसान प्याज की नर्सरी को खेत में लगाने के लिए अपने खेत की जुताई कर रहे हैं.
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हरियाणा में प्याज की किस्में
बागवानी अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में हरियाणा यूनिवर्सिटी द्वारा रिलीज की गई प्याज की मुख्यत: 3 किस्में है. हिसार वन ,हिसार टू, पूसा रेड यह तीन किस्में है, जो रबी की फसल में हरियाणा में लगाई जाती हैं और जिनसे किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. सत्यनारायण ने बताया कि खेत में प्याज की नर्सरी लगाने के बाद कुछ दिन बाद पानी दिया जाता है और उसके 1 सप्ताह बाद खरपतवार के लिए किसी दवाई का चुनाव करके छिड़काव कर सकते हैं.
प्याज की फसल लगाने की विधि
बागवानी अधिकारी ने बताया कि प्याज की फसल बनाने के लिए प्याज के बीज की क्यारी बनाकर पनीरी तैयार की जाती है. जोकि दिसंबर के पहले सप्ताह में ये पनीरी तैयार कर ली जाती है और 15 जनवरी तक खेतों में इसे ट्रांसप्लांट कर दिया (Onion Harvesting Method in Haryana) जाता है. वहीं इस दौरान पौधे से पौधे की 6 इंच और लाइन से लाइन की दूरी 2 फीट के पास रखनी चाहिए. वहीं फसल को अच्छा बनाने के लिए फसल में FYM, 10 टन गोबर की खाद डाली जाती है. ध्यान रहे कि प्याज की फसल में डीएपी खाद का जितना कम प्रयोग किया जाए उतना ज्यादा फायदेमंद होगा. साथ ही प्याज की नर्सरी लगाने के कुछ दिन बाद पानी दिया जाता है और उसके 1 सप्ताह बाद खरपतवार के लिए दवाई का छिड़काव दिया जाता है. मुख्यत: देखने को मिलता है कि खरपतवार का प्रबंधन ना होने के कारण प्याज के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ता है. इसलिए समय-समय पर प्याज के खेत में निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए ताकि अच्छी पैदावार हो सके.
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