कुरुक्षेत्र:आज कल युवाओं के सामने अगर सबसे बड़ी कोई परेशानी है, तो वो है बेरोजगारी. बचपन से हर तरफ यही सुनते हुए बड़े होते हैं कि पढ़ लिख जाएंगे तो अच्छी नौकरी मिलेगी. सिक्स डिजिट सैलरी मिलेगी, लेकिन नौकरी की उम्र में आने पर देश के लाखों युवाओं को मायूसी हाथ लगती है. ऐसे ही कुरुक्षेत्र जिले के एक युवा हैं तरनजीत मल्हौत्रा.
तरनजीत ने दिल लगा कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन जब नौकरी की तलाश में लगे, तो इनका हाई-फाई जॉब पाने का सपना टूट गया. इसके बावजूद ये हारे नहीं. मोदी जी के आत्मनिर्भर बनने वाली देशव्यापी प्रेरणा से पहले ही. इन्होंने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प ले चुके थे, और इन्होंने नौकरी नहीं. कुत्तों का बिजनेस करने का प्लान बनाया.
तरनजीत मल्हौत्रा ने इस व्यवसाय को दस हजार रुपये से शुरू किया था और आज उनके पास 50 हजार रुपये से दस लाख रुपये तक कीमत वाले कुत्ते हैं, तरनजीत इस व्यवसाय को दो तरीके से करते हैं. ये सिर्फ डॉगीज की सेल एंड परचेज नहीं करते, मीटिंग भी करवाते हैं और उसकी अच्छी खासी फीस भी लेते हैं.
महीने में कमाते हैं लाखों रुपये