कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी में सोमवती अमावस्या के दिन पिंड दान और स्नान करने के महत्व का उल्लेख पुराणों में किया गया है लेकिन इस सोमवती अमावस्या के दिन कुरुक्षेत्र के सभी 48 कोस के तीर्थ स्थलों पर प्रशासन द्वारा स्नान करने या कोई भी अनुष्ठान करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. सोमवती अमावस्या के दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे लेकिन आय ये तीर्थ स्थल खाली पड़े हैं.
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में मरणोपरांत अस्थियां विसर्जन नहीं की जाती क्योंकि यहां मरने वाले जीवों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी प्रचलन के आधार पर हरियाणा व अन्य राज्यों के लोग अपने पितरों की मोक्ष के लिए यहां पहुंचकर पंडाल में पूजा अर्चना करते हैं. मुख्य सोमवती अमावस्या के दिन तो यहां के तीर्थ स्थलों पर लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते इन सभी तीर्थ स्थलों पर भीड़ ना इकट्ठा हो, इसलिए यहां पिंड दान और स्नान करने पर सरकार द्वारा लगाई गई है.