करनाल: नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई, कांग्रेस युवा कानूनी विंग और पार्टी कार्यकर्ता मिलकर करनाल में आज प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शन की अगुवाई राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा करेंगे. करनाल में कांग्रेस कार्यकर्ता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवास का घेराव करेंगे. पार्टी की तरफ से आसपास के जिलों में सूचना दे दी गई है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए करनाल पहुंचे.
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सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में ये प्रदर्शन दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब एनडीआरआई चौक करनाल से शुरू होगा. पैदल मार्च करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवास का घेराव करेंगे. सीईटी परीक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस की तरफ से सीएम आवास का घेराव किया जाएगा. कांग्रेस के प्रदर्शन की कॉल को देखते हुए पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन भी पूरी तरीके से सतर्क है. सीएम आवास के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
करनाल पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी है, ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सीएम आवास से पहले ही रोका जा सके. यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ग्रुप-सी और डी की नौकरियों के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा को अनिवार्य किया है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग इस परीक्षा का आयोजन करता है. नियम ये है कि ग्रुप-सी और डी की नौकरियों के लिए वही युवा आवेदन कर पाएंगे, जिन्होंने कॉमन पात्रता परीक्षा पास की होगी.
हाल ही में ग्रुप-सी के लिए हुई कॉमन पात्रता परीक्षा को 3 लाख 57 हजार युवा पास कर चुके हैं. अब हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि ग्रुप सी के पदों के लिए होने वाली परीक्षा में कुल पदों के मुकाबले 4 गुणा ही अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा. यानी अगर ग्रुप-सी के 10 हजार पद निकलते हैं, तो केवल 40 हजार ही युवाओं को मौका मिलेगा. अब सवाल ये कि सरकार ने अचानक ये नियम क्यों लागू किया? जब कॉमन पात्रता परीक्षा 3 लाख 57 हजार अभ्यार्थियों ने पास की है, तो उन सभी को ग्रुप-सी के पदों में भाग लेने का मौका क्यों नहीं मिलेगा?
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बुद्धिराजा ने कहा कि परीक्षा में चार गुना अभ्यर्थियों को बुलाना गलत फैसला है. सरकार के इसी फैसले के खिलाफ युवा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में आज सीएम आवास का घेराव करेगी. उन्होंने कहा कि साल 2022 में 5-6 नवंबर को 7.53 युवाओं ने संयुक्त पात्रता परीक्षा दी थी. इसमें से 3 तीन लाख 57 हजार युवाओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की. आयोग ने परीक्षा पास कर चुके युवाओं में से चार गुणा को मुख्य परीक्षा में बुलाने का फैसला लिया है. सरकार का ये फैसला पूरी तरह से गलत है.