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विश्व दुग्ध दिवस पर करनाल NDRI में प्रदर्शनी का आयोजन, जानें मिलावटी दूध की कैसे की जाती है पहचान - करनाल NDRI में प्रदर्शनी

हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. विश्व दुग्ध दिवस का मकसद लोगों का दूध पर ध्यान केंद्रित करने और दूध-डेयरी उद्योग से जुड़ी गतिविधियों का प्रचार-प्रसार करने का है. जाहिर है कि भारत देश में दुग्ध उत्पादन में विश्वभर में पहले स्थान पर है. आइए जानते हैं विश्व दुग्ध दिवस से संबंधित अहम जानकारियां...( national dairy research institute in karnal)

National Dairy Research Institute in Karnal
विश्व दुग्ध दिवस पर करनाल NDRI में प्रदर्शनी

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Published : Jun 1, 2023, 7:22 PM IST

विश्व दुग्ध दिवस पर करनाल NDRI में प्रदर्शनी.

करनाल: विश्व दुग्ध दिवस पर करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में दुग्ध प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. दुग्ध उत्पादों की विभिन्न तकनीकों की प्रदर्शनी यहां पर लगाई गई. इस दौरान शोधकर्ताओं ने बताया कि कैसे चंद मिनटों में हम मिलावटी दूध और शुद्ध दूध का पता लगा सकते हैं. इसके अलावा बताया गया कि दूध को गाढ़ा करने के लिए उसमे सॉर्बिटोल का इस्तेमाल किया जाता है. इसको दूध में मिलाते ही दूध पूरी तरह से गाढ़ा हो जाता है.

वर्ल्ड मिल्क डे: दूध एक स्वस्थ संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हर साल विश्व दुग्ध दिवस इस बारे में लोगों को जागरूक करने का सही अवसर प्रदान करता है. विश्व दुग्ध दिवस वैश्विक भोजन के रूप में दूध के महत्व और बड़े अनुपात में आर्थिक, पोषण और सामाजिक लाभ को स्थापित करने का एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है. 2001 से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है.

करनाल NDRI में प्रदर्शनी: विश्व दुग्ध दिवस पर आज करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में दुग्ध प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. धीर सिंह ने बताया की वर्ष 2021-22 में 221 मिलियन टन के वार्षिक दूध उत्पादन के साथ भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है. जो वैश्विक दूध का 24% उत्पादन करता है. उन्होंने बताया कि देश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 444 ग्राम प्रतिदिन है. दूध विटामिन और खनिजों, विशेष रूप से कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है. यह हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

करनाल NDRI में प्रदर्शनी

मिलावटी दूध की पहचान: वहीं, डॉ. धीर सिंह ने कहा कि NDRI ने दूध में अशुद्धियों का पता लगाने और उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला स्वच्छ दूध उपलब्ध कराने के लिए मिलावट किट की एक श्रृंखला भी विकसित की है. प्रदर्शनी में डेयरी टेक्नोलॉजी छात्रों ने बताया कि दूध में सोर्बिटोल की उपस्थिति का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के वैज्ञानिकों द्वारा एक त्वरित परीक्षण किट विकसित किया गया है. उन्होंने बताया कि सोर्बिटोल नामक रसायन से तरल दूध में मिलावट की खबरें आ रही हैं.

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इन दुग्ध उत्पादनों की लगी प्रदर्शनी: आज प्रदर्शनी में पौष्टिक और स्वस्थ भोजन और चारा उत्पादों के प्रदर्शन और संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की पोस्टर प्रदर्शित की गई. इसमें मट्ठा प्रोटीन आइसक्रीम जैसे उत्पादों का प्रदर्शन शामिल रहा. जिसमें बाजार में पारंपरिक रूप से उपलब्ध आइसक्रीम की तुलना में 2.5 गुना अधिक प्रोटीन होता है. अन्य डेयरी उत्पाद जैसे करक्यूमिन फोर्टिफाइड घी, बाजरा लस्सी, सूखे जीवाणु को घरेलू स्तर पर दही की सेटिंग के लिए तत्काल उपयोग के लिए और साथ ही वाणिज्यिक स्तर पर उत्पाद प्रदर्शित किये गए. इसके अलावा पशु आहार के पूरक के रूप में खनिज मिश्रण और दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए साइलेज तैयार करने की तकनीक भी प्रदर्शित की गई.

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में गायों के लिए उचित प्रबंध

दूध उत्पादन: भारत दुनिया का लगभग 17% दूध का उत्पादन करता है. दूध उत्पादन का लगभग 80% देश के संगठित क्षेत्र करते हैं, जबकि शेष 20% सहकारी समितियों और निजी डेयरियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाता है. भारत में, देश के 265 जिलों में फैली 1.50 लाख से अधिक ग्राम स्तरीय डेयरी सहकारी समितियां प्रति दिन लगभग 26 मिलियन लीटर दूध एकत्र करती हैं.

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