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हरियाणा सरकार वहन करेगी गेहूं पर लगा केंद्र सरकार का वैल्यू कट, आखिर क्या है पूरा विवाद? - वैल्यू कट क्या है

1 अप्रैल से हरियाणा में गेहूं की सरकारी खरीद जारी है. बारिश की वजह से पहले ही किसानों की फसल 70 प्रतिशत तक खराब हो चुकी है. इस बीच केंद्र सरकार ने खराब फसल पर वैल्यू कट का फैसला किया. जिससे हरियाणा में बवाल हो गया.

wheat procurement in haryana
wheat procurement in haryana

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Published : Apr 14, 2023, 6:15 PM IST

करनाल: हरियाणा के किसानों को इस बार बेमौसम बारिश से बहुत नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हरियाणा में करीब 70 लाख एकड़ गेहूं की फसल प्रभावित हुई है. हरियाणा के किसानों पर अब तक कुदरत की पड़ी ये सबसे बड़ी मार है. बारिश की वजह से गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है. गेहूं का दाना पहले के मुकाबले कमजोर भी हुआ है. इस बीच केंद्र सरकार के गेहूं की खरीद पर वैल्यू कट की नोटिफिकेशन जारी कर दी, जिसके बाद विपक्ष से लेकर किसानों और आढ़तियों ने इस फैसले पर सवाल उठा दिए. हालांकि हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. आइये जानते हैं कि आखिर क्या है ये वैल्यू कट, इससे जुड़ा विवाद और हरियाणा सरकार की किसानों को राहत

क्या है वैल्यू कट: केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर गेहूं में नमी ज्यादा हुई, टूटा हुआ दाना मिला, सिकुड़ा हुआ दाना मिला तो डैमेज यानी नुकसान के हिसाब से किसान को प्रति क्विंटल भुगतान करना होगा. इसके लिए सरकार ने अलग-अलग कैटेगरी बनाई है. मतलब ये कि अगर किसी किसान की फसल खराब हुई तो फसल के डैमेज का आंकलन किया जाएगा. फिर उस आधार पर प्रति क्विंटल के हिसाब से वैल्यू कट किया जाएगा. इसके लिए केंद्र की ओर से बकायदा कैटेगरी बांटी गई है, जिसमें गेहूं में 6 फीसदी नमी से लेकर 18 फीसदी नमी तक पर लगने वाला वैल्यू कट तय किया गया है.

गेहूं पर लगने वाले वैल्यू कट की दर

विपक्ष ने उठाया सवाल-सरकार के वैल्यू कट के फैसले से हरियाणा के किसानों में रोष दिखा. विपक्षी पार्टियों समेत हरियाणा के किसान संगठनों ने भी हरियाणा और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. हुड्डा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार टूटा दाना, छोटा दाना, नमी व लस्टर लॉस में किसानों को और छूट दे. मुआवजे के इंतजार में बैठे किसानों को 50,000 प्रति एकड़ मुआवजा और 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे.

सरकार ने दी राहत: विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर वैल्यू कट के फैसले को वापस लेने की मांग की. इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने ऐलान किया कि जब तक केंद्र सरकार उनके पत्र पर कोई फैसला नहीं लेती, तब तक वैल्यू कट की राशि हरियाणा सरकार वहन करेगी. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट के जरिए दी. गौरतलब है कि केंद्र द्वारा लगाए गए वैल्यू कट की राशि पहले किसान को वहन करनी थी.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ट्वीट

कैसे मिलेगा किसानों को फायदा:जब किसान अनाज मंडी में फसल बेचने आता है तो उनको जे फॉर्म (J Form) भरना होता है. इसमें फसल की एमएसपी, कितना रेट मिला, कितने एकड़ की फसल, कितनी नमी, कितनी कटौती जैसी डिटेल भरनी होती है. जे-फॉर्म मंडियों में किसानों की कृषि उपज की बिक्री की रसीद है, ये आढ़तियों द्वारा जारी की जाती है. लिहाजा रिकॉर्ड के तौर पर वैल्यू कट की जानकारी जे फॉर्म पर दर्ज की जाएगी. अब इसी जे फॉर्म के आधार पर सरकार एजेंसी को वैल्यू कट का भुगतान करेगी. ये जे फॉर्म सरकार द्वारा कमीशन एजेंट को दिया जाता है.

कृषि मंत्री ने लिया गेहूं खरीद का जायजा

किसानों को नहीं वैल्यू कट की जानकारी: ईटीवी भारत की टीम ने जब करनाल की अनाज मंडियों में गेहूं लेकर पहुंचे किसानों से वैल्यू कट के बारे में पूछा तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से मना कर दिया. करनाल अनाज मंडी पहुंचे किसान गजे सिंह और जगबीर सिंह ने कहा कि किसानों पर पहले ही बेमौसम बरसात की मार पड़ी है. ऊपर से केंद्र सरकार का ये फरमान सही नहीं है. जब किसानों को बताया गया कि फसल पर नमी, टूटे हुए दाने, सिकुड़े हुए दाने पर जो केंद्र सरकार ने कट लगाने की बात कही थी. उसका पैसा अब हरियाणा सरकार वहन करेगी, तो उन्होंने राहत की सांस ली. लेकिन किसानों को ये तक नहीं पता कि कितने प्रतिशत पर कितना वैल्यू कट होगा.

केंद्र सरकार की तरफ से जारी आदेश

कमीशन एजेंटों में भी वैल्यू कट पर असमंजस: कमीशन एजेंट रणवीर सिंह ने कहा कि वैल्यू कट को लेकर हमारे पास अभी तक किसी भी प्रकार का कोई सरकुलर नहीं आया है. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि किस आधार पर कितना वैल्यू कट होगा. हालांकि जिन एजेंसियों को गेहूं खरीद का काम दिया गया है. वो अपने आप ही वैल्यू कट लगा रही हैं. उन्होंने वैल्यू कट लगने की केंद्र की शर्तों और फिर हरियाणा सरकार के वैल्यू कट की राशि वहन करने की जानकारी होने से इनकार किया है.

केंद्र सरकार की तरफ से जारी आदेश

भारतीय किसान यूनियन ने क्या कहा? वहीं भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार के वैल्यू कट के फैसले पर रोष जाहिर किया. भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि उनकी तरफ से 2 दिन पहले बयान जारी किया गया था कि अगर किसानों की गेहूं की फसल पर जो कट लगाया जाएगा. अगर उसके पैसे किसानों के खाते में से काटे जाएंगे, तो उसके खिलाफ किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने फसल पर लगाए जाने वाले वैल्यू कट की राशि खुद वहन करने की बात कही है. सरकार ने किसानों के हित में ये फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सरकार का धन्यवाद करते हैं.

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हरियाणा में गेहूं खरीद: हरियाणा में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई थी और 13 अप्रैल तक हरियाणा की मंडियों में एक लाख 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचा है. जिसकी खरीद प्रक्रिया तेजी से जारी है. हरियाणा सरकार ने अब की बार खरीद एजेंसियों के तहत 85 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है. हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि गेहूं की खरीद एमएसपी मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी. हरियाणा की 397 अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद की जा रही है.

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