करनाल: इन्द्री हलके से हो कर गुजर रही पश्चिमी यमुना नहर में टपरिया गांव के पास रिसाव हो गया, जिसकी वजह से साथ लगते ही गांव में हड़कंप मच गया और काफी संख्या में लोग नहर पर पहुंच गए. इस मामले की सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.
पिछले साल भी हुई थी कई एकड़ फसल बर्बाद
जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को लगी तो मौके पर पुलिस पहुंच गई और आनन-फानन में एक जेसीबी को बुलाकर रिसाव को रोकने का प्रयास किया गया. बता दें कि पिछले साल भी यहां से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर इस नहर में लगभग 100 फुट की दरार पड़ जाने से लोगों की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी वही डर अभी भी लोगों को सता रहा है.
प्रशासन की लापरवाही
लोगों का कहा है कि सूचना देने के बाद भी अधिकारी मौके पर क्यों नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके तट मजबूत किए गए थे, लेकिन फिर भी ऐसा क्यों हुआ. कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही है. लोगों ने बताया कि इस नहर पर जिन अधिकारियों की पहले ड्यूटी थी उनमें से एक को पिछले साल सस्पेंड भी किया गया था उसके बाद भी ये घटना हुई.
'नहर की मिट्टी से बना नेशनल हाईवे'
ग्रामीणों से बात करने के बाद पचा चला कि नहरी विभाग द्वारा सफाई और माइनिंग के दौरान जो नहर से मिट्टी निकाली गई उसका उपयोग नहर की पटरी को मजबूत करने के लिए होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सारी मिट्टी को नेशनल हाईवे बनाने पर उपयोग किया गया है, जो की गलत है. अब स्थिति ये बनी हुई है कि नहर से पानी का रिसाव शुरू है और खतरनाख बनता जा रहा है जिसके जिम्मेवार नहरी विभाग के अधिकारी ही होंगे.