करनाल:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा का 2023 24 का बजट पेश किया है. जिसे हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों में काफी निराशा छाई हुई है. इस बजट से सरकारी कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी. लेकिन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं दिया. जिसके चलते सरकारी कर्मचारियों इसे सरकारी कर्मचारी विरोधी बजट कहा है.
हरियाणा बजट से सरकारी कर्मचारी निराश: करनाल में संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रधान सुशील गुर्जर ने कहा कि कर्मचारी संघ ने पहले ही हरियाणा सरकार के सामने कई मांगें रखी थी. जिनमें सबसे पहली ही मांग पुरानी पेंशन बहाल करने की थी. उसके बाद कर्मचारियों को टैक्स में छूट की मांग थी. वहीं, कच्चे कर्मचारियों के लिए वेतन भत्ते की बढ़ोतरी और साथ में एक टीए डीए बढ़ोतरी की मांग की थी. लेकिन बड़े शर्म की बात है, कि हरियाणा के बजट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने हरियाणा के कर्मचारियों के लिए एक भी घोषणा नहीं की और ना ही हरियाणा के पक्के कर्मचारी और कच्चे कर्मचारियों के लिए कोई भी नई घोषणा मुख्यमंत्री के द्वारा की गई.
'कर्मचारी विरोधी है बजट': उन्होंने कहा कि इससे हरियाणा के कर्मचारियों में काफी रोष है. क्योंकि उन्होंने अपनी मांगों के लिए कई बार मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपे हैं. उसके बावजूद भी हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों का ख्याल नहीं रखा. जिससे साफ जाहिर होता है, कि यहां बजट कर्मचारियों के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी 24 घंटे अपनी ड्यूटी प्रदेश के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन बजट मे कर्मचारियों के लिए कोई भी घोषणा नहीं होना, कहीं ना कहीं दिखाता है कि यह सरकार कर्मचारियों के विरोध में है.