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Karnal Teachers State Award: करनाल के 2 टीचरों को मिलेगा स्टेट अवॉर्ड, एक ने स्कूल का रिजल्ट सौ फीसदी तो दूसरे ने किया जीरो ड्रॉप आउट

Karnal Teachers State Award: हरियाणा सरकार करनाल के दो अलग-अलग स्कूलों के टीचरों को स्टेट लेवल पुरस्कार देगी. प्रदीप कुमार को स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने पर सम्मानित किया जाएगा. वहीं, विनोद कुमार को 100 फीसदी रिजल्ट लाने के लिए सम्मान दिया जाएगा. 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सरकार इन्हें सम्मानित करेगी.

Karnal Two Teachers State Award
करनाल के दो टीचरों को राज्य पुरस्कार देगी सरकार

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 2, 2023, 8:33 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 2:05 PM IST

टीचर की पढ़ाई से बच्चे काफी खुश हैं.

करनाल:हरियाणा में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. पहले जहां सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होती जा रही थी, तो रिजल्ट भी कुछ खास नहीं रहता था. जिसके चलते हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर पिछले कई सालों से इस पर काम किया है. जिसके परिणाम भी अच्छे आने लगे हैं. हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने और रिजल्ट अच्छे आने को लेकर कई नीतियां बनाई गई है. ताकि हरियाणा में सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली को सुधारा जा सके.

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2 टीचरों को स्टेट लेवल सम्मान: इस सम्मान के लिए सरकार प्रदेश भर से सैकड़ों टीचरों को चुनती है, जो सरकारी स्कूलों में शिक्षा को बेहतर करने के लिए अच्छे कदम उठाते हैं, उन अध्यापकों को सरकार द्वारा चयनित किया जाता है. 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सरकार करनाल के दो टीचरों को सम्मानित (Karnal Two Teachers Honor) करेगी. जिनमें से एक का नाम विनोद कुमार है और दूसरे टीचर का नाम प्रदीप कुमार है. विनोद कुमार करनाल के गांव गोंदर के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिंदी पढ़ाते हैं. जबकि प्रदीप कुमार करनाल के डोडवा प्राथमिक स्कूल में मुख्य शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

अध्यापक विनोद से बातचीत.

100 % रिजल्ट के लिए सम्मान: करनाल के गांव गोंदर के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिंदी टीचर विनोद कुमार ने बताया कि अक्टूबर 2000 मे हिंदी टीचर के रूप में वो भर्ती हुए थे. उनकी सबसे पहली पोस्टिंग करनाल के राजकीय उच्च विद्यालय अमूपुर में हुई थी. उसके बाद 2004 में उनका तबादला हो गया और वो करनाल के ही गोंदर गांव के स्कूल में चले गए. अपने स्कूल और हरियाणा में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए उन्होंने भरपूर मेहनत की जिसकी बदौलत उनके स्कूल की छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षा का परिणाम 100% रहा. जिसके चलते उन्हें स्टेट लेवल का पुरस्कार दिया जा रहा है.

एक्सट्रा क्लास लगाते हैं विनोद कुमार: टीचर विनोद कुमार ने कहा सरकारी स्कूल का परिणाम सुधारना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी. तो उन्होंने सोचा कि वह कैसे इसमें सुधार कर सकते हैं. इसके लिए टीचर विनोद कुमार ने प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूल में ही बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लगानी शुरू कर दी. यह क्लास उन बच्चों के लिए होती थी जो पढ़ाई में थोड़े कमजोर होते थे. ऐसे में स्कूल की छुट्टी होने के बाद और सुबह स्कूल लगने से एक क्लास पहले बच्चों को बुला लेते थे और उनको अलग से क्लास देते थे जिसकी बदौलत उनके स्कूल में उनकी क्लास का परिणाम 100% अच्छा रहा.

5 सितंबर को हरियाणा सरकार करेगी सम्मानित

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स्कूल प्रिंसिपल ने की विनोद कुमार की तारीफ: गोंदर स्कूल के प्रिंसिपल त्रिलोचन सिंह विर्क ने बताया कि उनके स्कूल के अध्यापक विनोद कुमार का पढ़ाने का तरीका काफी अलग है. जिसके चलते उन्होंने स्टेट लेवल पर इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वह सिर्फ पढ़ाई के क्षेत्र में ही नहीं स्कूल के सौंदर्यीकरण पर भी भरपूर जोर दे रहे हैं. जिनके प्रयासों से स्कूल की हालत काफी अच्छी हो गई है.

बच्चों को भाती है विनोद सर की क्लास: छठी कक्षा के छात्राओं ने कहा उनके अध्यापक विनोद कुमार उनका खेल-खेल में ही पढ़ा देते हैं. जिसके चलते उनके दिमाग में एकदम से हर टॉपिक अच्छे से बैठ जाता है और समझ में आ जाता है. सर किताबों पर रट्टा लगाकर प्रैक्टिकल तरीके से उनको पढ़ाते हैं चाहे वह चार्ट की गतिविधि हो या फिर कहानियों के जरिए उनकी पढ़ाई कराने की बात हो.

विनोद कुमार को 100 फीसदी रिजल्ट के लिए सम्मान

प्रदीप कुमार ने बढ़ाई स्टूडेंट्स की संख्या: अब हम आपको बताते हैं करनाल के दूसरे टीचर प्रदीप कुमार के बारे में, जिसको राज्य स्तर के पुरस्कार के लिए चुना गया है. टीचर प्रदीप कुमार की शिक्षा विभाग में नियुक्ति सन 2000 में हुई थी और उनकी पहली पोस्टिंग करनाल के गांव डोडवा में हुई थी, उसके बाद 2016 में उनका तबादला करनाल के ललियाणी गांव के राजकीय स्कूल में हुआ. यहां 3 साल काम करने के बाद उनकी एक बार फिर ट्रांसफर डोड़वा गांव में मुख्य शिक्षक के रूप में हो गई.

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प्रदीप कुमार की मेहनत रंग लाई: जिसके बाद उन्होंने घर-घर जाकर बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए प्रेरित किया. जिसके बाद गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी. हर वर्ष 10 से लेकर 50 बच्चे स्कूल में बढ़ते गए, जिसका परिणाम यह रहा की स्कूल में अब 200 के करीब बच्चे है. उसके साथ ही स्कूल का ड्रॉप आउट जीरो हो गया. उन्होंने स्कूल सुधारने पर भी जोर दिया. जिसके चलते 2013-14 और 2019-20 में मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यीकरण के रूप में स्कूल को चुना गया.

Last Updated : Sep 4, 2023, 2:05 PM IST

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