करनाल: बाजार में नेताओं के वादों और हकीकत का नाप-तोल भी जारी है. क्योंकि वोट की कीमत व्यारियों से ज्यादा कौन जा सकता है? इस चुनावी माहौल में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने करनाल के व्यापारियों से मिली और जानने की कोशिश की, कि इस बार लोकसभा चुनाव में उनका क्या रुझान है.
करनाल के व्यापारी किन मुद्दों पर करेंगे मतदान, देखें खास रिपोर्ट 'हरियाणा बोल्या' - nayab singh saini
ईटीवी की टीम से करनाल के व्यापारियों ने भी खुल कर बातचीत की. करनाल लोकसभा के व्यपारियों का सबसे पहले राष्ट्रीय मुद्दा रहा. 1990 के समय से ही चुनावों में राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद बड़े मुद्दों में शुमार रहा है, लेकिन इस बार यह मुद्दा हाल ही में हुए पुलवामा हमले के पहले चुनाव के केंद्र में नहीं था.
ईटीवी की टीम से करनाल के व्यापारियों ने भी खुल कर बातचीत की. करनाल लोकसभा के व्यपारियों का सबसे पहले राष्ट्रीय मुद्दा रहा. 1990 के समय से ही चुनावों में राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद बड़े मुद्दों में शुमार रहा है, लेकिन इस बार यह मुद्दा हाल ही में हुए पुलवामा हमले के पहले चुनाव के केंद्र में नहीं था. पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत और उसके बाद भारतीय वायु सेना की तरफ से पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद यह मुद्दा ऐसे मुकाम पर भी आ गया है कि यह चुनाव की दिशा भी बदल सकता है.
वहीं काम-धंधे को लेकर व्यापारियों का कहना है कि व्यापार में मुश्किलें तो बहुत आती हैं, लेकिन जो कुछ भी है उसमें काम चलाना जरूरी है. हालांकि ईटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि कुछ जीएसटी और एफडीआई जैसे बदलाव से मध्यम वर्ग के व्यापारियों कोई खास फर्क महसूस होता नहीं दिखा. हालांकि बातचीत के दौरान कुछ व्यापारियों ने मौजूदा सरकार की नीतियों का पक्ष भी लिया. रिपोर्ट को देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.