करनाल :नवरात्रि चल रही हैं, जिसमें सनातन धर्म के लोग माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं. इन नौ दिनों के दौरान विशेष तौर पर माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान अष्टमी का ख़ास महत्व है. इस दिन कंजक पूजन कराया जाता है. दुर्गा अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन कर उनको उपहार स्वरूप कुछ दक्षिणा या कोई चीज़ दी जाती है, लेकिन अगर शुभ मुहूर्त और सही तरीके से कंजक पूजा ना हो तो इंसान के जिंदगी में कई विघ्न पैदा हो जाते हैं.
दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त :हिंदू पंचांग के मुताबिक दुर्गा अष्टमी इस साल आज रविवार, 22 अक्टूबर को है. दुर्गा अष्टमी आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है. दुर्गा अष्टमी इस बार 21 अक्टूबर को रात 9:53 से शुरू होकर 22 अक्टूबर के शाम 7:58 तक रहेगी. दुर्गा अष्टमी के दिन विशेष तौर पर मां गौरी और मां दुर्गा के अवतार की पूजा अर्चना की जाती है.
पूजा करने का शुभ मुहूर्त : 22 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी के दिन दुर्गा मां की पूजा करने का शुभ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे शुरू होगा जबकि इसका समापन 12:46 पर होगा, वही दूसरा विजय मुहूर्त दोपहर के बाद 2:19 से शुरू होगा जबकि इसका समापन 3:05 पर होगा. दुर्गा अष्टमी के दिन पूजा करने का तीसरा शुभ मुहूर्त अमृत काल मुहूर्त है जो दोपहर 12:38 से शुरू होगा और इसका समापन 2:10 पर होगा. बताए गए इस समय के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल मिलता है और पूजा सफल मानी जाती है.
दुर्गा अष्टमी के दिन बन रहे कई शुभ योग : इस बार की दुर्गा अष्टमी भक्तों के लिए काफी शुभ रहने वाली है. दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसकी शुरुआत सुबह 6:26 से होगी जबकि इसका समापन शाम को 6:44 पर होगा. वहीं इस दिन दूसरा शुभ रवि योग भी बन रहा है जिसका आरंभ दुर्गा अष्टमी के दिन शाम के 6:44 से होगा जबकि इसका 30 अक्टूबर को सुबह 6:27 पर समापन होगा.