करनाल: शहीद हवलदार बलजीत का उनके पैतृक गांव डिंगर माजरा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. हजारों लोगों ने शहीद बलजीत को नम आखों से विदाई दी. इस दौरान लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.
इस दौरान तामाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. बता दें कि शहीद बलजीत 50 राष्ट्रीय राइफल में हवलदार के पद पर तैनात थे. श्रीनगर के पुलवामा में आतंकवादियों से लोहा लेते वक्त वो शहीद हो गए.
पंचतत्व में विलीन हुए शहीद बलजीत 11 फरवरी की रात 2.30 बजे सेना के जवानों को पुलावामा के पास तीन आतंकवादियों के घुसे होने की सूचना मिली. बलजीत अपने साथी जवानों के साथ आतंकवादियों की घेराबंदी के लिए पहुंचे. आतंकवादियों को सेना के आने की भनक लग गई. जिसके बाद आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी.
हवलदार बलजीत अपने ऑफिसर जेसीओ के साथ सर्च अभियान की अगुवाई में शामिल थे. इस मुठभेड़ में बलजीत ने एक आतंकवादी को फायर कर मार गिराया, लेकिन सामने से आतंकवादियों की फायरिंग में बलजीत सिंह को दो गोली लगी. एक गोली अन्य साथी सिपाही को लगी.
दोनों को सेना अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया. जहां दोनों सिपाही शहीद हो गए. मेजर जरनल एनएस निज्जर ने कहा बलजीत बहादुर सिपाही थे. मैं उनके पिता को सेल्यूट करता हूं. जिन्होंने इतना दुख सहन किया.विधायक हरविंदर कल्याण ने कहा कि शहीद बलजीत ने आतंकवाद के खिलाफ और देश की एकता अखंडता की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. उनकी शहादत को पूरा राष्ट्र सलाम करता है. सरकार हर तरीके से शहीद के परिवार के साथ है.
पंचतत्व में विलीन हुए शहीद बलजीत विधायक हरविंदर कल्याण ने कहा कि शहीद बलजीत ने आतंकवाद के खिलाफ और देश की एकता अखंडता की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. उनकी शहादत को पूरा राष्ट्र सलाम करता है. सरकार हर तरीके से शहीद के परिवार के साथ है.