करनाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान (Beti Bachao Beti Padhao campaign) की मुहिम का असर प्रदेश के जिलों में देखने को मिल रहा है. बेटियों को बचाने में करनाल (Sex Ratio Karnal) तेजी से आगे बढ़ रहा है. यहां साल 2014 में 1000 लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 886 थी. जो अब बढ़ कर 901 हो चुकी है. इस सुधरते लिंगानुपात के पीछे कई वजह रही हैं. सबसे अहम वजह है जिले की बेटियों का आगे आना.
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करनाल की बेटियां विभिन्न क्षत्रों में नाम कमा रही हैं. जिसका सकारात्मक असर लोगों की सो पर पड़ रहा है. संजोली इस काम को बखूबी निभा रही हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने वाली 22 साल की संजोली ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कई सामाजिक काम किए हैं. इसके लिए उन्हें डायना पुरस्कार (डायना पुरस्कार वेल्स की राजकुमारी डायना की स्मृति में दिया जाता है. इस पुरस्कार को किसी युवा व्यक्ति के सामाजिक कार्यों या मानवीय प्रयासों के लिए दिया जाने वाला 'सर्वोच्च सम्मान' माना जाता है. इस पुरस्कार की स्थापना 1999 में गॉर्डन ब्राउन की अध्यक्षता में एक बोर्ड द्वारा की गई थी.) से सम्मानित किया जा चुका है.
हरियाणा का ये जिला लिंगानुपात के मामले में हुआ बेहतर, जानें कैसे हासिल किया ये मुकाम ईटीवी भारत हरियाणा के साथ खास बातचीत में संजोली ने बताया कि बेटी बचाओ और पृथ्वी बचाओ अभियान के तहत उन्होंने दोनों विषयों पर लघु फिल्में बनाई हैं. इसके अलावा जागरूकता अभियान चलाकर घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया. साल 2015 में संजोली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 14 मुद्दों का पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने महिला थाने नेशनल कमिशन फॉर गर्ल चाइल्ड आदि का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि बेटियों को हर कदम पर संघर्ष करना पड़ता है. पैदा होने के बाद से लेकर पढ़ाई लिखाई और पूरी जिंदगी तक.
करनाल स्वास्थ्य विभाग पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू करवा रहा है. पीएनडीटी जिला टीम के मुख्य अधिकारी और डिप्टी सीएमओ नरेश ने बताया कि जिला टीम द्वारा अभी तक 35 सफल रेड की गई. ये रेड जिला और जिले के बाहर और दूसरे प्रदेशों में की गई. इस मामले में करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि पीएनडीटी एक्ट अभियान के तहत पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई समय-समय पर की जाती है. जिसका असर ये है कि करनाल जिले का लिंगानुपात तेजी से सुधर रहा है.
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उन्होंने कहा कि ये पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई होती है जिसमे कई बार दूसरे जिलों और प्रदेश की पीएनडीटी की टीम शामिल होती है. 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान का मकसद हरियाणा में गिरते लिंगानुपात को सही करना था. अब पीएम के इस अभियान का असर हरियाणा में देखने को मिल रहा है.