करनाल: इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र करनाल के वैज्ञानिकों ने बिना बीज के बैंगन (Seedless Brinjal Farming in Karnal) की किस्म तैयार करने में सफलता हासिल की है. बिना बीज के फसल का उत्पादन करना आम तौर पर मात्र कल्पना लगती है लेकिन वैज्ञानिकों ने ये कर दिखाया है. करनाल के घरौंडा स्थित इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र पर वैज्ञानिकों की चार साल के ट्रायल के बाद बिना बीज का ये बैंगन तैयार किया गया है. बैंगन की इस वैरायटी में इसमें दो किस्में शामिल हैं जिनकी पैदावार अच्छी है.
इंडो इजरायल उत्कृष्ट केंद्र करनाल (Indo Israel Vegetable Center of Excellence Karnal) के वैज्ञानिकों ने जिन किस्मों का सफल ट्रायल किया है उनमें फरीदा और फिटो नाम की दो किस्में हैं. यह किस्म ऐसी है जिसमे बीज नहीं होते. पूरे भारत में पहली बार इस किस्म को इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट सेंटर पर तैयार किया गया है. हालांकि इस केंद्र के लिए कई किस्मों का चयन किया गया था, जिसमे दो किस्म ही अच्छे से तैयार हो पाई है.
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वैज्ञानिकों के मुताबिकइस बैंगन में पोटेशियम व मैंगनीशियम पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है. इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है जो किसी भी तरह के संक्रमण से दूर रखने में कारगर है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी काफी मदद करता है. बैगन की इन किस्मों में आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इस बैंगन की किस्म को लगाकर किसान भी अच्छी पैदावार ले सकते हैं क्योंकि सामान्य बैंगन की तुलना में बिना बीज का बैगन काफी अच्छे रेट पर बिकता है.
इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र में सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट डॉक्टर लवलेशके मुताबिक नार्मल बैंगन में बीज पाए जाते हैं, लेकिन इस किस्म के बैंगन में बीज नहीं होता है. यह स्वाद में भी सामान्य बैंगन से बेहतर होता है. भर्ते के लिए इस बैगन को ज्यादा बेहतर माना जाता है. आम लोगों में बैंगन को लेकर जो समस्या है वो बीज की है. बीज की वजह से कई लोग इसे खाते नहीं हैं क्योंकि बीज में कैल्शियम ऑक्सलेट होता है जिसके चलते किडनी की पथरी होती है. उस लिहाज से ये बैंगन बेहद अच्छा है. इसमें कोई बीज नहीं होता है. जो छोट-छोटे बीज हैं भी वो एकदम कच्चे होते हैं.
डॉक्टर लवलेश बताते हैं कि पॉलीहाउस या नेट हाउस के अंदर किसी भी प्रकार की पॉलिनेशन की आवश्यकता नहीं होती. जिस जगह पर फसल लगी हुई है नेट हाउस है. पॉलीहाउस के अंदर हमने दो 2 मीटर की दूरी पर बेड बनाए हुए हैं. हर एक लाइन पर एक-एक पौधा लगाया है, जिसमें प्रत्येक पौधे की दूरी 2 फीट है. अब किसान भी बिना बीज का बैंगन अपने खेत में उगा (how to produce seedless brinjal) सकते हैं. इसे पॉली हाउस में उगाया जाता है. इसमें फल छेदक कीड़ा नहीं लगता.