करनाल:सीएम सिटी करनाल के लघु सचिवालय (karnal farmer protest) के सामने भी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (singhu border) जैसे नजारे देखने को मिल रहे हैं. सेवा में सबसे आगे रहने वाले सिख श्रद्धालु यहां भी आ जुटे हैं. कहीं फल बांटे जा रहे हैं, कहीं भंडारे लग रहे हैं, कहीं चाय बन रही है और कहीं फ्री में डॉक्टर द्वारा सेवा की जा रही है. करनाल के लघु सचिवालय के सामने दिल्ली जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. यहां पर शिरोमणी गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी भंडारा शुरू दिया है.
सभी धर्मों के लोग इकट्ठा भंडारा तैयार कर रहे हैं और अन्य संस्थाएं भी हैं दिखाई दे रही हैं. अगर सरकार और किसानों के बीच बातचीत का स्थाई हल नहीं निकलता तो सिंघु बॉर्डर की तरह यहां पर भी आपको हरियाणा के किसानों का जमावड़ा दिखाई देगा. यहां धीरे-धीरे किसान बढ़ रहे हैं, आज ज्यादा किसान यहां आ डटे हैं. बता दें कि, हरियाणा में किसान और सरकार में एक बार फिर टकराव होता दिख रहा है. करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसान अपनी मांग पर अड़ गए हैं तो सरकार भी सख्त है. इसी सिलसिले में करनाल में मंगलवार को महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) की गई थी.
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लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने महापंचायत बुलाई थी और साथ ही करनाल मिनी सचिवालय घेरने का ऐलान किया था. लाठीचार्ज के बाद से ही किसानों में उबाल है. लाठीचार्ज को लेकर तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एसडीएम किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. किसानों की नाराजगी की यही सबसे बड़ी वजह है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के सामने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग सहित तीन मांगें रखी थी और 6 सितंबर तक का समय दिया था.