करनाल: हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है. भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन चल रहा है, जिसमें शिवभक्त बोले की आराधना करने के लिए गंगा से कावड़ यात्रा करके गंगाजल लेकर आते हैं. शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं. वहीं, इस बार बार सावन 2 महीने का है जो 4 जुलाई से शुरू हो गया है और 31 अगस्त को खत्म होगा. ऐसे में शिव भक्तों को शिव की आराधना करने के 59 दिन मिलने वाले हैं. इन 59 दिनों में 8 सोमवार आएंगे. इस साल सावन के महीने में 2 शिवरात्रि भी पड़ रही है. भगवान शिव की आराधना करने के लिए सोमवार का दिन होता है.
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15 जुलाई को सावन की पहली शिवरात्रि: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन के महीने में दो शिवरात्रि आ रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 15 जुलाई को पड़ रही है. शिवरात्रि 15 जुलाई को रात 08.32 बजे पर शुरू होगी, जबकि इसका समापन 16 जुलाई को रात 10.08 बजे होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई को रात 12.07 बजे से 12.48 बजे तक रहेगा. 15 जुलाई के दिन शिवरात्रि मनाई जा रही है. इस दिन ही शिवलिंग को गंगा जल से जल अभिषेक किया जाएगा.
कुरुक्षेत्र स्थित शिव मंदिर. 14 अगस्त को सावन की दूसरी शिवरात्रि: हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के महीने की दूसरी शिवरात्रि 14 अगस्त को मनाई जाएगी. 14 अगस्त सोमवार पड़ रहा है. इसलिए इस दिन सोमवार का व्रत रखने का और भी ज्यादा महत्व है. 14 अगस्त की शिवरात्रि मासिक शिवरात्रि होगी जो हर महीने आती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन शिवरात्रि की पूजा करने का शुभ मुहूर्त का समय रात के 11:19 बजे से शुरू होकर सुबह 12:03 बजे तक रहेगा.
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सावन की शिवरात्रि का महत्व: सनातन धर्म में शिवरात्रि का काफी महत्व होता है. सावन की शिवरात्रि का तो और भी ज्यादा महत्व बढ़ जाता है. मान्यता है कि जो भी सावन के महीने में शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को गंगाजल का जलाभिषेक करता है तो भोलेनाथ उनके सारे कष्ट दूर कर देते हैं. साथ ही भोलेनाथ अपने भक्तों के घर और परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. इसके अलावा इस महीने में शिव आराधना से परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. मान्यता है कि सावन के महीने में जो भी शिव भक्त सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करता है तो भगवान भोलेनाथ उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. सावन की शिवरात्रि के दिन जो भी शिवभक्त शिवरात्रि का व्रत रखते हैं, भगवान भोलेनाथ उनके सारे कष्ट दूर कर देते हैं.
सावन की शिवरात्रि में ऐसे करें पूजा:सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए और उनकी आराधना करने के लिए शिव भक्त हरिद्वार से कांवड़ यात्रा करके गंगाजल लेकर आते हैं. शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को गंगा जल का जल अभिषेक करते हैं. शिवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान इत्यादि करके शिवलिंग पर जलाभिषेक करें. इसके बाद दूध, दही, चीनी और शहद भी भोलेनाथ को अर्पित करें.
भोलेनाथ को अर्पित करें ये चीजें: पूजा करने के दौरान भगवान भोलेनाथ को धतूरा, बेलपत्र, आक और भांग अर्पित करें. यह भोलेनाथ को काफी प्रिया है. मान्यता है कि ये चीजें अर्पित करने से भोलेनाथ अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं. अगर कोई भी शिव भक्त शिवरात्रि का व्रत रख रहा है तो उसको सुबह से शाम तक बिना अन्न के रहना होता है. मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन इस तरह से विधिन-विधान से पूजा-अर्चना करने से भगवान भोलेनाथ बहुत जल्द अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं.