हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

Sawan 2023: महाभारत काल से जुड़ा है करनाल के झारखंडी शिव मंदिर का इतिहास, यहां अपने आप प्रकट हुआ था शिवलिंग - करनाल टिम्बर मार्केट

करनाल में महाभारत काल का एक ऐसा अद्भुत शिव मंदिर है. जिसका इतिहास राजा कर्ण से जुड़ा है. माना जाता है कि यहां शिवलिंग अपने आप प्रकट हुआ था. किसी के द्वारा इसे स्थापित नहीं किया गया.

shiva temple in karnal
shiva temple in karnal

By

Published : Jul 9, 2023, 10:32 AM IST

करनाल: हरियाणा के इतिहास में आज भी कई ऐसे किस्से और कहानियां मौजूद हैं. जिनके बारे में शायद ही लोगों को पता हो. ऐसी ही एक कहानी है करनाल के शिव मंदिर की. करनाल में महाभारत काल का एक ऐसा अद्भुत शिव मंदिर है. जिसका इतिहास राजा कर्ण से जुड़ा है. शहर की टिम्बर मार्केट में स्थित भगवान शिव का ये मंदिर झारखंडी शिव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. सावन के महीने में यहां हजारों लोग भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा का वो गांव जहां महाभारत काल में बकासुर राक्षस का आहार बने थे भीम, जानिए अक्षय वट तीर्थ की विशेषता

माना जाता है कि राजा कर्ण झारखंडी शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आते थे. इसके बाद वो शिव मंदिर में जाते थे. पूजा करने के बाद कर्ण अपने बराबर सोना तोलकर गरीबों में दान करते थे. मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव अपने भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. सावन के महीने में यहां पर भारी संख्या में शिव भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना करने आते हैं.

महाभारत काल से जुड़ा है करनाल के झारखंडी शिव मंदिर का इतिहास

करनाल के झारखंडी शिव मंदिर के पुजारी सीताराम ने बताया कि आज जिसे कर्ण ताल पार्क के नाम से जाना जाता हैं, यहां कभी पहले तालाब हुआ करता था. दानवीर राजा कर्ण इस तालाब में स्नान करके झारखंडी शिव मंदिर में पूजा अर्चना करते थे और इसके बाद अपने शरीर के वजन के बराबर का दान गरीबों में किया करते थे. झारखंडी शिव मंदिर के पुजारी ने बताया कि भगवान शिव के झारखंडी मंदिर में एक प्राचीन कुआं भी है.

उन्होंने बताया कि कुएं से कभी के समय में ठंडा मीठा जल निकलता था. इस कुएं के जल से भक्त अपनी प्यास बुझाते थे. आज इस कुएं को संजोकर रखने के लिए कुएं पर जाल लगाया हुआ है. करनाल शहर के बीचों बीच टिम्बर मार्केट में बने झारखंडी शिव मंदिर के पुजारी सीताराम व मामो देवी ने बताया कि झारखंडी मंदिर महाभारतकालीन है. मान्यता है कि झारखंडी मंदिर में शिवलिंग अपने आप प्रकट हुआ है.

ये भी पढ़ें- इस गांव में हुआ था श्रीराम की माता कौशल्या का जन्म, यहां से जुड़े हैं कई रहस्य

सावन माह में भगवान शिव के इस मंदिर में भक्तों का तांता लगता है. दूर दराज से आकर भक्तजन यहां नतमस्तक होते हैं और मन्नतें मांगते हैं. जब श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी हो जाती है, तब यहां आकर भोले बाबा की स्तुति करते हैं. इसको करनाल जिले का सबसे प्रमुख शिव मंदिर भी माना जाता है, मानता है कि जो भी शिव भक्त यहां पर आकर शिव भगवान को गंगा जल अर्पित करता है. उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं. सावन के महीने में यहां पर पूजा करने का और भी ज्यादा महत्व बताया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details