करनाल:कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली आज करनाल में नवनिर्वाचित जिला परिषद मेंबर, ब्लाक समिति मेंबर, पंच व सरपंच के संवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने नवनिर्वाचित पंचायत के सदस्यों के साथ मुखातिब होना था. कार्यक्रम में पूरे जिले के नवनिर्वाचित जिला परिषद मेंबर, ब्लाक समिति मेंबर, पंच व सरपंच ने शिरकत की थी. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आने वाले पांच साल को लेकर रणनीति बनाना रहा. कार्यक्रम में पहुंचे देवेंन्द्र बबली ने कहा कि नवनिर्वाचित गांव के सरपंच 2 लाख रुपये तक का कार्य कर सकते हैं. दो लाख से ज्यादा खर्च होने वाले कार्य को सरकार व जिला प्रशासन के अंतर्गत करवाया जाएगा. बात से नाराज सरपंच देवेंद्र बबली के खिलाफ (Sarpanchs Protest in Devendra Babli Program) नारेबाजी करने लगे.
करनाल में पंचायती राज मंत्री देवेंद्र बबली के खिलाफ सरपंचों का हंगामा, विकास की ग्रांट को लेकर नाराजगी - देवेंद्र बबली के कार्यक्रम में सरपंचों का विरोध
करनाल में हरियाणा के पंचायती राज मंत्री देवेंद्र बबली एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. कार्यक्रम के दौरान उनके संबोधन के बीच नवनिर्वाचित जिला परिषद, ब्लॉक समिति, सरपंच और पंच प्रतिनिधि नाराज हो गए और कार्यक्रम छोड़कर बाहर (Sarpanch protest in Karnal) चले गए.
![करनाल में पंचायती राज मंत्री देवेंद्र बबली के खिलाफ सरपंचों का हंगामा, विकास की ग्रांट को लेकर नाराजगी Sarpanch protest in Karnal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17224167-thumbnail-3x2-karnal.jpg)
देवेंद्र बबली के इस बात को कहते ही नवनिर्वाचित सरपंचों ने हंगामा कर दिया और कार्यक्रम छोड़कर कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने लगे. कार्यक्रम मे मंत्री भाषण देते रहे लेकिन सरपंच प्रोग्राम छोड़कर बाहर निकलने लगे. साथ ही उन्होंने सरकार की खिलाफ रोष जाहिर किया. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हुए नवनिर्वाचित सरपंच ने कार्यक्रम को छोड़ते हुए कहा कि 20 हजार में तो पानी की निकासी के लिए गांव की नालियां तक नहीं बनाई जा सकती, ऐसे में गांव के विकास कैसे हो सकते हैं. ग्रामीणों ने हमें अपने गांव से चुनकर सरपंच बनाया है ताकि वह उनके गांव का विकास करवा सके. इसलिए एक सरपंच को खर्च करने के लिए कम से कम एक काम पर 20 लाख रुपये तक की छूट होनी चाहिए.
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सभी नवनिर्वाचित सरपंच मंत्री देवेंद्र बदली का कार्यक्रम छोड़कर बाहर चले गये. उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर गांव में विकास कार्य नहीं कराना चाहती. किसी भी गांव में क्या समस्या है उसकी जानकारी सिर्फ ग्रामीण लोगों को होती है. सरपंच गांव का मुखिया होता है ऐसे में गांव में विकास कार्य कराने के लिए बजट बढ़ाना चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो भविष्य में सरकार के खिलाफ हरियाणा के सभी सरपंच खड़े हो सकते हैं.