करनाल:हिंदू धर्म में व्रत एवं त्योहार का काफी महत्व होता है. भगवान को खुश करने के लिए हिंदू धर्म में व्रत रखे जाते हैं. रविवार, 19 मार्च को यानी आज प्रदोष व्रत है. यह व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है इसलिए इस व्रत को रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्र के अनुसार कहा गया है कि प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में जो भी भगवान शिव की पूजा करता है उसको सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस दिन अगर कोई मनुष्य सूर्य देव की आराधना करता है तो उसको भी सुख समृद्धि मिलती है तो आइए जानते हैं 19 मार्च को रखे जाने वाले प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त व महत्व.
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त:पंचांग के अनुसार 19 मार्च दिन रविवार को त्रियोदशी तिथि का प्रारम्भ सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर होगा और इसका समापन 20 मार्च को 4 बजकर 56 मिनट पर होगा. भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए प्रदोष काल को सबसे सर्वोत्तम माना गया है. प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त आज 6 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. इस प्रदोष काल के दौरान जो भी शिव भगवान की पूजा करते हैं हमको सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव को समर्पित होता है.
प्रदोष व्रत की पूजा का विधि विधान: प्रदोष व्रत के दिन मनुष्य को सुबह स्नान इत्यादि करके भगवान शिव की पूजा अर्चना करने बाद व्रत रखने का प्रण लेना चाहिए. मंदिर में घी का दीप लगाने के बाद पूजा पाठ करने में अपना ध्यान लगाना चाहिए. इस दिन आपको बिना खाए पिए ही रहना होता है. अपनी पूजा के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल भी चढ़ाए, इसके बाद दूध, दही, शहद और फल भगवान शिव को अर्पित करें. इस दिन अगर अपनी पूजा के दौरान भगवान शिव को शमी के पत्ते, बेल पत्थर और रुद्राक्ष चढ़ाये तो उससे शिव ज्यादा प्रसन्न होते हैं.