बारिश से मक्का की खरीद में भारी गिरावट, नमी ज्यादा होने के चलते किसानों को नहीं मिल रहे खरीददार करनाल: हरियाणा में बारिश के चलते एक तरफ धान लगा रहे किसानों को फायदा हो रहा है, तो दूसरी तरफ मक्का भीगने से किसानों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. बारिश में भीगने की वजह से नमी वाले मक्के का भाव 500 रुपये तक पहुंच गया है. किसानों का कहना है कि अगर मंडियों में फसल रख रखाव के लिए पर्याप्त शैड होते, तो आज उन्हें ये मार ना झेलनी पड़ती.
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किसानों ने बताया कि मंडी में सूखे मक्के का दाम 1700 रुपये तक है. पहले बाजार में नमी वाले मक्के का दाम 900 से 1100 रुपये तक था. अब लगातार हो रही बरसात के कारण मक्के में नमी ज्यादा बढ़ गई है. जिसकी वजह से मक्का का दाम गिर गया है. किसानों का कहना है कि मंडी में कोई इसे 500 रुपये तक भी नहीं ले रहा है. मक्का बेचने आए किसानों ने बताया कि इस वक्त उन पर तिहरी मार पड़ रही है.
बारिश से मक्का की खरीद में भारी गिरावट किसानों ने कहा कि पहली मार प्रकृति की मार है, दूसरी सरकारी मार और तीसरी व्यापारियों की मार. इन तीनों की वजह से किसान खासा परेशान हैं. उन्होंने कहा मंडी की तरफ से फसल को रखने के लिए पूरे इंतजाम नहीं हैं. अब भीगी फसल को सही दामों में लेने के लिए व्यापारी तैयार नहीं है. जिसके चलते किसानों की दुर्गति हो रही है. वहीं करनाल मंडी सचिव ने बताया कि साल वर्ष मंडी में 23 हजार 9 सौ 43 क्विंटल आ चुका है.
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करनाल सब्जी मंडी के सचिव ने कहा कि किसी भी किसान ने उनको मक्के के कम दाम मिलने की शिकायत नहीं दी है. भीग चुके मक्के को दोबारा से सूखा कर के खरीदा जाएगा. ज्यादा भीग चुके मक्के की फसल में दुर्गंध होने से उसकी सफाई व्यवस्था करवा दी जाएगी. वहीं किसानों ने सरकार और मंडी प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जल्द ही मंडियों में फसल के रखाव की व्यवस्था की जाए.