करनाल: हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की सालाना उर्स मुबारक पर कव्वाली की महफिल का धूमधाम से आयोजन किया गया. इस मौके पर दरगाह कमेटी की ओर से कव्वाली की महफिल व शोभा यात्रा निकाल कर शहर को कलंदरमय बनाया गया.
वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने बताया कि दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक में दोनों ही दिन कव्वाली की महफिल सजाई जाती है. इस वर्ष कव्वाली की महफिल में कई मशहूर कव्वालों ने बाबा कलंदर साहिब का गुणगान कर समां बांधा.
'देशभक्ति की कव्वालियों से बांधा समां'
विभिन्न प्रसिद्ध कलाकारों ने देश भक्तिपूर्ण कव्वाली गाकर पूरी महफिल की वाहवाही लूटी. उन्होंने कव्वाली के माध्यम से कहा कि मंदिर हो, चाहे मस्जिद हो, चर्च हो, चाहे गुरूद्वारा ईश्वर अल्लाह एक है हमारा तुम्हारा. धरती बट गई, धर्म बाट लिया और बाट ली भाषा और बाट लिए भगवान सोचा नहीं जरा सा, हिम्मत है तो करके दिखा दो नीलगगन का बंटवारा, नीलगगन एक है हमारा तुम्हारा. बदल नहीं सकते खून का रंग एक है हमारा तुम्हारा, जान से बढ़ कर है प्यारी हिंद की प्यारी बातें, भारत की सीमा पर जाकर देखों करते हैं रखवाले, अतुल हरि आजाद भगत ने मिलकर पुकारा भारत का तिरंगा एक है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा.