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गमले में खेती करके लाखों में कमा रहा हरियाणा का ये किसान, विदेश से भी ट्रेनिंग लेने आ रहे लोग - गमले में कैसे करें खेती

आमतौर पर खेती के लिए किसान के पास जमीन होनी चाहिए लेकिन अब समय बदल गया है. नई तकनीक ने अब गमलों में खेती (Pot cultivation in Karnal) को संभव बना दिया है. करनाल के एक किसान ने गमलों में खेती करके नई मिसाल कायम कर दिया. ये खेती केवल घर के खाने के लिए नहीं बल्कि इससे वो लाखों की कमाई कर रहा है. गमले में खेती करने की ये तकनीक सीखने विदेश से भी लोग आ रहे हैं.

Pot cultivation in Karnal
Pot cultivation in Karnal

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Published : Dec 10, 2022, 7:41 PM IST

गमले में खेती करके लाखों में कमा रहा हरियाणा का ये किसान

करनाल: अभी तक आपने खेतों में फसलों को उगते देखा और सुना है लेकिन क्या कभी आपने गमलों में खेती करने के बारे में सुना है. जी हां, करनाल में ऐसा ही कुछ देखने को मिला है. जिले के बसंत बिहार के रहने वाले रामविलास गमलों में खेती कर लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. रामविलास का प्रकृति के साथ ऐसा जुड़ाव है कि उन्होंने घर की छत को ही गार्डन में तब्दील कर दिया (Terrace Farming in Karnal) है.

5 हजार ज्यादा गमलों में उगाई सब्जियां: गार्डन में रामविलास ने पांच हजार से ज्यादा गमलों में देसी-विदेशी फल और सब्जियां (Pot cultivation in Karnal) उगाई हैं. जिसे देखने के लिए हरियाणा के अलावा यूपी, महाराष्ट्र, उत्तराखड़ सहित फ्रांस, इंग्लैंड सहित अन्य देशों से लोग भी पहुंच रहे हैं. यहीं नहीं घर की छत पर गमलों में उगाई गई रासायन मुक्त सब्जियों को देखकर प्रकृति प्रेमी के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 25 लाख लोग जुड़े हैं. जो प्रकृति प्रेमी रामविलास से प्रेरित होकर घरों की छतों पर आर्गेनिक तरीके से फल-सब्जियां उगा रहे हैं.

गमले में कैसे करें खेती

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25 साल पहले 8 गमलों से खेती की शुरुआत की: साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामविलास ने बताया कि 25 साल पहले मात्र 8 गमलों को घर की छत पर रखकर उनमें सब्जियां उगाने शुरू की थी. धीरे-धीरे गमलों की संख्या बढ़कर पांच हजार से ज्यादा तक पहुंच गई. इन गमलों में आर्गेनिक तरीकों से फल सब्जियां उगाई जा रही है. यही नहीं रामविलास के साथ यू-टयूब में करीब 25 लाख जड़े चुके हैं.

गमलों में ही उगाते हैं कलर शिमला मिर्च: रामविलास ने बताया कि लोग कहते हैं कि कलर शिमला मिर्च सिर्फ पॉली हॉउस में ही उगाई जा सकती है, लेकिन ये सच नहीं है. इसे घर की छत पर रखे गमलों में भी उगाया जा सकता है. यहीं नहीं सफेद बैंगन, मुंगफली, केला, पपीला सहित बेर, अमरूद, चीकू सहित हर प्रकार के फल भी शामिल हैं. जिन्हें आर्गेनिक तरीके से उगाया जा रहा है.

गमलों में ही उगाते हैं कलर शिमला मिर्च

गमले में कैसे करें खेती:(How to do farming in pot)ऑर्गेनिक तरीके से उगाए गए फल सब्जियों का स्वाद बाजार में मिल रही सब्जियों से बिल्कुल अलग है. इसके अलावा नेचुरल तरीके से उगी सब्जियां खाने में पौष्टिकता से भरपूर है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि इन सब्जियों और फलों को उगाने के लिए ऑर्गेनिक तरीके से तैयार खाद डाली जाती है. जिसके लिए आसपास फैले पेड़ों के पत्ते, किचन से निकले कचरे से बनी खाद शामिल है.

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ऑर्गेनिक सब्जियों से शुगर, बीपी से बचाव:यहीं नहीं इन सब्जियों और फलों को खाकर शुगर, बीपी की बीमारियों से बचा जा सकता है. रामविलास ने कहा कि आज 25 लाख लोग उनसे जुड़े हुए है, जो घर की छत या या बालकनी में गमलों में सब्ज्यिां या फल उगा रहे हैं. उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि वे गमलों में ऑर्गेनिक तरीके से फल सब्ज्यिां उगाकर ही (Pot cultivation in Karnal) खाएं.

25 साल पहले 8 गमलों से खेती की शुरुआत की

बेरोजगार भी कर सकते हैं खेती: रामविलास ने कहा कि आजकल युवा जो बेरोजगार हैं, रोजगार के लिए इस पैशन को अपना सकते हैं. इसमें हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और हमारी रोजी-रोटी भी बनेगी. उन्होंने बताया कि पहले वह एक अध्यापक थे लेकिन उन्होंने अध्यापक की नौकरी छोड़ दी. अब इस पेशे में अपने आप को पूरा समर्पित कर दिया है. उन्होंने कहा कि एक अच्छी जिंदगी उनकी रुफ फार्मिंग से चल रही है.

महीने में एक लाख से ज्यादा की हो रही कमाई:रामविलास के मुताबिक महीने में उनकी लगभग एक लाख से ज्यादा की कमाई हो जाती है. वह फल व सब्जियों को बेचने के साथ फूल, फल व सब्जियों के बीज के जरिए अपने घर की छत पर नर्सरी तैयार करके बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह कोई खास तकनीक इसमें नहीं अपना रहे जो शुद्ध देसी खाद है वही इसमें डालते हैं. उन्होंने बताया कि वह इसको खुद तैयार करते हैं.

पांच हजार ज्यादा गमलों में उगाई सब्जियां

रूफ फार्मिंग की फ्री में देते हैं क्लास: रामविलास ने बताया कि जो रूफ फार्मिंग सीखना चाहते हैं वह रविवार के दिन उन लोगों को फ्री में क्लास देते हैं. इसके साथ ही जब भी कोई उनसे रूफ फार्मिंग के बारे में जानने आता है तो वह समय निकालकर उसको जरूर बताते हैं ताकि इससे प्रकृति को भी बढ़ावा मिले. उन्होंने बताया कि इससे उनकी अच्छी इनकम होती है.

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