करनाल: गंभीर बीमारियों से बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखना सबसे ज्यादा जरूरी है और इनमें सबसे प्रमुख कार्य कॉलोनियों में बने सीवर और शौच के गड्ढों को समय-समय पर साफ करवाना है.
लेकिन सेप्टिक टैंक से निकलने वाली भारी मात्रा में गंदगी आखिर जाती कहां है, उसे कहां डंप किया जाता है, क्या वो कचरा किसी रियाशी इलाके के पास तो नहीं फेंका जाता? चलिए अब हम जरा विस्तार से बताते हैं कि करनाल में किस तरह से सेप्टिक टैंक की सफाई की जाती है और किस तरह की सावधानियां बरती जाती हैं और इस गंदगी को कहां फेंका जाता है.
सेप्टिक टैंक की गंदगी से परेशान ग्रामीण क्षेत्रों के लोग
दरअसल सेप्टिक टैंक लोगों के घरों में बने हुए शौच के गड्ढे की सफाई करता है और फिर उसको कहीं दूर डंप किया जाता है. लेकिन शहर से लगते गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि सेप्टिक टैंक वाले गड्डे कि सफाई करके कहीं से भी टैंक भरकर गांव के पास ही डंप कर देते हैं जिससे चारों तरफ गंदी बदबू फैलती है और बीमारियां फैलने का डर बना रहता है.
जहां कुछ लोग सेप्टिक टैंक की गंदगी से परेशान है तो वहीं करनाल नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर का कहना है कि नगर निगम में 3 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) बनाए हुए हैं जहां पर सेप्टिक टैंक को डंप किया जाता है. अगर कोई भी इनसे अलग जंगह पर डंप करतें हुए पकड़ा जाता है तो उस पर 1,000 रुपये जुर्माना लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि करनाल नगर निगम में 8 सेप्टिक टैंक रजिस्टर है और प्राइवेट टैंकों की बात करें तो जिले में इनकी संख्या काफी हो सकती है.
700 रुपये से 1200 रुपये में की जाती है सेप्टिक टैंक की सफाई