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करनाल: ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम फेंका जा रहा सेप्टिक टैंक का गंदा पानी - करनाल खबर

करनाल के ग्रीमीण क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि सेप्टिक टैंक की गंदगी को ग्रामीण इलाकों के पास ही फेंक दिया जाता है, जिससे उनके इलाके में गंभीर बीमारियां फैलने का डर बना रहता है.

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सेप्टिक टैंक की गंदगी से परेशान ग्रामीण क्षेत्रों के लोग

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Published : Dec 23, 2020, 3:39 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 4:30 PM IST

करनाल: गंभीर बीमारियों से बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखना सबसे ज्यादा जरूरी है और इनमें सबसे प्रमुख कार्य कॉलोनियों में बने सीवर और शौच के गड्ढों को समय-समय पर साफ करवाना है.

लेकिन सेप्टिक टैंक से निकलने वाली भारी मात्रा में गंदगी आखिर जाती कहां है, उसे कहां डंप किया जाता है, क्या वो कचरा किसी रियाशी इलाके के पास तो नहीं फेंका जाता? चलिए अब हम जरा विस्तार से बताते हैं कि करनाल में किस तरह से सेप्टिक टैंक की सफाई की जाती है और किस तरह की सावधानियां बरती जाती हैं और इस गंदगी को कहां फेंका जाता है.

सेप्टिक टैंक की गंदगी से परेशान ग्रामीण क्षेत्रों के लोग

सेप्टिक टैंक की गंदगी से परेशान ग्रामीण क्षेत्रों के लोग

दरअसल सेप्टिक टैंक लोगों के घरों में बने हुए शौच के गड्ढे की सफाई करता है और फिर उसको कहीं दूर डंप किया जाता है. लेकिन शहर से लगते गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि सेप्टिक टैंक वाले गड्डे कि सफाई करके कहीं से भी टैंक भरकर गांव के पास ही डंप कर देते हैं जिससे चारों तरफ गंदी बदबू फैलती है और बीमारियां फैलने का डर बना रहता है.

जहां कुछ लोग सेप्टिक टैंक की गंदगी से परेशान है तो वहीं करनाल नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर का कहना है कि नगर निगम में 3 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) बनाए हुए हैं जहां पर सेप्टिक टैंक को डंप किया जाता है. अगर कोई भी इनसे अलग जंगह पर डंप करतें हुए पकड़ा जाता है तो उस पर 1,000 रुपये जुर्माना लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि करनाल नगर निगम में 8 सेप्टिक टैंक रजिस्टर है और प्राइवेट टैंकों की बात करें तो जिले में इनकी संख्या काफी हो सकती है.

700 रुपये से 1200 रुपये में की जाती है सेप्टिक टैंक की सफाई

वहीं सेप्टिक टैंक को खाली करने वाले प्रदीप और मनोज ने बताया कि वो सफाई करने के पैसे दूरी के हिसाब से लिए जाते हैं. जिसमें 700 रुपये से लेकर 1200 रुपयों तक लिए जाते हैं और साफ सफाई के दौरान हर तरह की सावधानी का ध्यान रखा जाता है ताकि कोई हादसा ना हो. फिर उसके बाद इस गंदगी को किसी नहर या खुले इलाके में डंप कर दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि कोई भी गड्ढा खोल के थोड़ी देर के लिए उसको खुला रखा जाता है और फिर एक मशीन में लगे वैक्यूम सिस्टम की मदद से जहरीले गैस को खींच कर बाहर निकाल दिया जाता है. जिसके बाद हादसा होने की उम्मीद नहीं रहती.

सेप्टिक टैंक की गंदगी से फैलती है कई तरह की बीमारियां

वहीं आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉ. मीनाक्षी ढुल ने बताया कि सेप्टिक टैंक की गंदगी से कई तरह की बीमारियां फैलती है और वायु प्रदूषण भी होता है, इसलिए प्रशासन को रिहायशी इलाकों से दूर सेप्टिक टैंक की गंदगी को डंप करवाने का प्रवंध करना चाहिए.

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जहां एक तरफ सेप्टिक टैंक की गंदगी को डंप करने को लेकर प्रशासन का कहना है कि सभी नियमों की पालना करते हुए टैंक को संबंधित जगह पर डंप किया जाता है तो वहीं ग्रामीण इलाके के लोगों का कहना है कि वो प्रशासन सेप्टिक टैंक की गंदगी को रियाशी इलाकों के नजदीक डंप करवाते है जिससे उन्हें काफी समस्या होती है और इस समस्या को जल्द हल करना चाहिए.

Last Updated : Dec 23, 2020, 4:30 PM IST

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