करनाल:एक तरफ जहां संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी के आगे घुटने टेकने को मजबूर हो रहा है. वहीं दूसरी ओर हमारा देश भारत भी इससे अछूता नहीं है. इस भयावह स्थिति में जिस तरह से भारत देश के लोग अभूतपूर्व एकजुटता का परिचय देते हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति के उच्च दर्शकों के अनुरूप इस भीषण त्रासदी का सामना कर रहे हैं. उसकी पूरे विश्व में प्रशंसा हो रही है.
लोगों की बीच पहुंची ईटीवी भारत की टीम लोगों ने जलाए दीप
भारतीयों का ये साहस देश की प्राचीन संस्कृति से विरासत में प्राप्त आस्था और विश्वास के कारण है. भले ही हम आज आधुनिकता की दौड़ में अपनी प्राचीन संस्कृति को भुला बैठे हैं, परंतु इस विपत्ति की घड़ी में एक बार फिर से देश अध्यात्म विज्ञान और ज्योतिष विज्ञान की ओर लौट रहा है. ज्योति पर्व भारत की पुरातन संस्कृति का हिस्सा रहा है. प्रत्येक शुभ कार्य से पहले दीपक या अग्नि का प्रज्वलन वातावरण से विषैले जीवाणुओं का नाश करके पवित्र वातावरण का निर्माण करता है.
हमारे प्रधानमंत्री भी इस पुरातन संस्कृति के माध्यम से इस संकट की घड़ी में देशवासियों में उत्साह भरने का काम कर रहे हैं. कहते हैं एकता में बल है. जब कोई काम परमार्थ भाव से समस्त कल्याण के लिए किया जाता है तो उसका व्यापक प्रभाव होता है. जब यही कार्य वैज्ञानिकता के आधार पर किया जाता है तो उसका प्रभाव अवश्य होता है. हमारे प्रधानमंत्री पहले भी ध्वनि विज्ञान के सिद्धांतों के आधार पर 25 अप्रैल को देशवासियों की ओर से स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस प्रशासन का उत्साहवर्धन करवा चुके हैं. अब प्रकाश सिद्धांत के आधार पर ज्योतिषीय शास्त्र के अनुसार 9:00 बजे से 9 मिनट के लिए सामूहिक ज्योति प्रज्वलन किया गया.
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वहीं ईटीवी भारत की टीम ने इसी आयोजन के शुरू होते ही करनाल की जनता से बातचीत की. साथ ही जानकारी जुटाई कि लोगों के समय कैसा लगा. लोगों ने प्रधानमंत्री के इस आयोजन को सराहा और कहा कि कोरोना अदृश्य महामारी के चलते इस संकट की घड़ी में हम सब भारतवासी मोदी जी के साथ हैं. भारत माता की जय के नारे की गूंज में सीएम सिटी करनाल में क्या छोटे क्या बड़े हर किसी ने इस कोरोना की लड़ाई में मिलकर लड़ने की बात कही.