करनाल :सनातन धर्म में पौष महीने का विशेष महत्व है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद पौष महीने की शुरुआत होती है. इसे हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना माना जाता है. 27 दिसंबर(बुधवार) से पौष महीने की शुरुआत हो रही है.
पौष महीने का खास महत्व : हिंदू धर्म में पौष महीने का खास महत्व बताया गया है. हालांकि इस महीने के शुरुआती दो भागों में किसी भी प्रकार के मांगलिक काम नहीं किये जाते हैं, लेकिन इस महीने में पितृपक्ष के कार्य जरूर किए जाते हैं. इस महीने को छोटा पितृपक्ष महीना भी कहा जाता है. इस महीने में विधिवत रूप से अपने पितरों की पूजा अर्चना की जाती है. धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक ये महीना यश, सेहत और धन के लिए भी काफी ज्यादा अच्छा माना गया है.
कब से कब तक है पौष महीना ? : पंडित सदानंद शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू वर्ष के दसवें महीने पौष की शुरुआत 27 दिसंबर से हो रही है. पौष महीने की शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से हो जाती है. इसका हिंदू धर्म में खास महत्व होता है क्योंकि इस महीने में मकर संक्रांति का प्रमुख व्रत और त्यौहार आते हैं, जिनका सनातन धर्म में काफी ज्यादा महत्व बताया गया है.
सूर्य देव की होती है विशेष तौर पर पूजा :पंडित सदानंद शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सनातन धर्म में सूर्य देवता को ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. इसलिए इस महीने में सूर्य देव की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से इंसान का स्वास्थ्य बेहतर होता है और उसके जीवन में यश की प्राप्ति होती है. इस महीने में पितरों के नियमित कार्य भी किए जाते हैं. इंसान अपने पितरों के लिए तर्पण, दान और श्रद्धा इत्यादि करते हैं जिससे उनके पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और उनका आशीर्वाद उनके परिवार पर बना रहता है. इसके चलते इस महीने को छोटे पितृ पक्ष महीने के नाम से भी जाना जाता है. इस महीने में भगवान सूर्य देव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा अर्चना करने का विशेष फल प्राप्त होता है.
पौष माह के व्रत त्योहार :पौष महीने में मकर संक्रांति का व्रत और त्यौहार भी आता है. आइए जानते हैं इस महीने के व्रत और त्यौहार
3 जनवरी - मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
4 जनवरी - कालाष्टमी व्रत
7 जनवरी - सफला एकादशी
9 जनवरी - प्रदोष व्रत
10 जनवरी - मासिक शिवरात्रि
11 जनवरी - पौष अमावस्या