करनाल:कहने को तो सरकार ने आज से धान की सरकारी खरीद (karnal crop purchase) शुरू कर दी, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है. धान खरीद की घोषणा के बाद करनाल में सुबह 5 बजे से किसान अपनी फसल को लेकर मंडियों में आना शुरू हो गए थे. दोपहर 2 बजे तक भी किसानों को मंडी में एंट्री नहीं मिली. जिन किसानों को एंट्री मिली भी उनको कच्ची पर्ची देकर भेजा गया. गेटपास नहीं मिलने की वजह से मंडी के बाहर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की लंबी लाइन लग गई. इससे किसानों में भी काफी रोष देखने को मिला. किसानों के रोष को देखते हुए मार्केट कमेटी प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन एक घंटा बीतने के बाद भी समाधान नहीं हुआ.
किसानों का कहना है कि जब सरकार ने 3 अक्तूबर से धान खरीद की घोषणा की है, तो उन्हें गेट पास क्यों नहीं दिया जा रहा. कच्ची पर्ची से उनके धान को प्राइवेट में खरीदा जाएगा. ऐसे में किसानों को काफी नुकसान होगा. किसानों ने प्रशासन और पुलिस से गेटपास कटवाने की गुहार लगाई. किसान ने बताया कि वो सुबह 5 बजे से अनाज मंडी में अपनी धान की फसल लेकर पहुंच गया था, लेकिन यहां पर उसका गेट पास नहीं काटा गया. गेट पास काटने के लिए बैठे कर्मचारी ने उसे मैसेज लाने को कहा. किसान ने समझाया कि धान की फसल का मैसेज नहीं आता. गेहूं की फसल का मैसेज आता है.
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