करनाल: हरियाणा सरकार ने 25 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने का ऐलान किया है. लिहाजा करनाल की अनाज मंडियों में भी धान की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. करनाल उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि जिले में धान की खरीद का काम जारी है. वीरवार दोपहर तक जिले की मंडियों में 14 हजार 675 मीट्रिक टन धान की खरीद सरकारी एजेंसी द्वारा की गई है. एजेंसियों को खरीदी गई धान का उठान तुरंत करवाने के आदेश दिए गए हैं.
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उपायुक्त ने बताया कि धान की खरीद 15 मंडी यानी परचेज सेंटरों पर जारी है. अब तक 14 हजार 675 मीट्रिक टन धान मंडियों में आया है. जिसे सरकारी खरीद एजेंसियों ने खरीदा है. इसमें से 8921 मीट्रिक टन धान खाद्य आपूर्ति विभाग, 3842 मीट्रिक टन हैफेड और 1912 मीट्रिक टन हरियाणा वेयर हाउस कार्पोरेशन ने खरीदा है. मार्केट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार असंध में 1267 मीट्रिक टन, बयाना में 379 मीट्रिक टन, घरौंडा में 718 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है.
इसके अलावा इंद्री में 5087 मीट्रिक टन, जुंडला में 1102 मीट्रिक टन, करनाल में 1445 मीट्रिक टन, कुंजपुरा में 393 मीट्रिक टन, निगदू में 89 मीट्रिक टन, नीलोखेड़ी में 967 मीट्रिक टन, निसिंग में 312 मीट्रिक टन तथा तरावड़ी में 2916 मीट्रिक टन धान की सरकारी खरीद की गई है. बता दें कि बुधवार दोपहर बाद से करनाल की अनाज मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू हुई. हालांकि सरकार ने 25 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने के आदेश दिए थे.
बड़ी संख्या में किसान धान की फसल लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं. इससे पहले बुधवार को धान की खरीद नहीं होने के चलते किसानों में रोष दिखा. किसानों का आरोप था कि अधिकारी बहाने बनाकर धान की खरीद नहीं कर रहे. किसानों ने बताया था कि पोर्टल में परेशानी चल रही है इसलिए किसानों को ई खरीद के गेट पास नहीं मिल पा रहा है. किसानों को जो गेट पास दिए जा रहे हैं. वो प्राइवेट खरीद के होते हैं. इस बार का धान का समर्थन मूल्य 2203 रखा गया है.
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करनाल निसिंग अनाज मंडी में हैफेड, फूड सप्लाई, हरियाणा वेयर हाउस की खरीद एजेंसियां अलग अलग दिन आकर खरीद करेगी. धान की नमी 17 रखी गई है. अगर इससे ज्यादा नमी मिलती है, तो किसान को अपनी धान सुखानी होगी, उसी के बाद वो बिकेगी. अगर वो नमी ज्यादा वाली बेचना चाहता है तो उसको पूरा समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा. किसानों का कहना है कि हर साल ऐसी ही स्थिति होती है. सरकार कागजों में तो खरीद शुरू करवा देती है, लेकिन मंडी में खरीद शुरू नहीं होती. जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्राइवेट राइस मिलर ₹200 कम में धान खरीद रहे हैं.